BREAKING NEWS: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन किया है। कुछ दिन पहले ही सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित किया था। इस पद के लिए अमिताभ ने अप्लाई किया है तो उनकी नियुक्ति में कोई संशय नहीं है। क्योंकि, उनसे बेहतर कोई कंडिडेट होगा नहीं। लिहाजा, अमिताभ की नई पोस्टिंग में अब किसी अगर-मगर का सवाल पैदा नहीं होता। वैसे भी चीफ सिकरेट्री जैसे राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी बिना सरकार की सहमति के मुख्य सूचना आयुक्त याने सीआईसी के लिए आवेदन करेगा नहीं। उस पर भी अमिताभ जैन, जो पिछले चार साल से मुख्य सचिव हैं और अभी भी मजबूत स्थिति में हैं।
बता दें, चीफ सिकरेट्री रैंक का सीआईसी पद एमके राउत के रिटायर होने के बाद से खाली पड़ा है। राउत नवंबर 2022 में रिटायर हुए थे। याने इस पोस्ट को रिक्त हुए दो साल से अधिक हो गए हैं। आमतौर पर चीफ सिकरेट्री रैंक के अफसर को ही सीआईसी बनाया जाता है। सीआईसी बनने के लिए अशोक विजयवर्गीय ने भी समय से पहले चीफ सिकरेट्री के रहते वीआरएस ले लिया था। याने सीएस का पद छोड़ दिया था। उसके बाद एसीएस सरजियस मिंज सीआईसी बनें। फिर एमके राउत। अभी तक तीन सीआईसी बने हैं और तीनों चीफ सिकरेट्री रैंक के रहे। सीआईसी का कार्यकाल पहले पांच साल का था मगर अब तीन साल हो गया है। फिर भी संवैधानिक पद होने की वजह से इसकी अपना वजन और गरिमा है।
सुविधाएं भी इस पद में काफी है। लाइफटाईम सरवेंट, ड्राईवर, पीए और पति-पत्नी का मेडिकल फैसिलिटी। हालांकि, अमिताभ जैन के पास अभी राज्य नीति आयोग के डिप्टी चेयरमैन का पद है। मगर उसकी तुलना में सीआईसी की अहमियत ज्यादा है। एक तो सीआईसी हेड आफ डिपार्टमेंट याने आयोग का प्रमुख होता है। फिर संवैधानिक पद होने की वजह से एक बार इस कुर्सी पर बैठने के बाद कोई हटा नहीं सकता। अमिताभ जैन के सीआईसी बनने के बाद अब छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव की अटकलें शुरू हो गई है। अमिताभ जैन के बाद सीनियरिटी में 91 बैच की रेणु पिल्ले और 92 बैच के सुब्रत साहू हैं। उनके बाद तीसरे नंबर पर 93 बैच के अमित अग्रवाल हैं। वे लंबे समय से भारत सरकार में डेपुटेशन पर हैं।
जानिए कौन है अमित अग्रवाल
अमित अग्रवाल पहले 2003 में डेपुटेशन पर दिल्ली गए थे। फिर 2015 में लौटे और फिर 2017 में दिल्ली चले गए थे। अमित अग्रवाल छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक महासमुंद जिले के कलेक्टर रहे। वे चिप्स के फर्स्ट सीईओ रहे हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के साथ वे एक टेक्नोक्रेट सोच के अधिकारी हैं। अमित के साथ सबसे बड़ी दिक्कत यह आएगी कि वे सुनते बिल्कुल नहीं…याने नियमों से एक इंच इधर-उधर नहीं। सरकार उन्हें कितना बर्दाश्त कर पाएगी, यह भविष्य बताएगा। दूसरा, छत्तीसगढ़ से काफी समय से बाहर हैं, इसलिए यहां की लोकल चीजों को जानकारी उन्हें कम होगी। क्योंकि दो दशक में छत्तीसगढ़ अब काफी बदल चुका है। और तीसरा, छत्तीसगढ़ की डिरेल्ड हो चुकी नौकरशाही उन्हें कितना झेल पाएगी, ये भी एक बड़ा सवाल है।
अमित अब दिल्ली में सेट हो चुके हैं। एडिशनल सिकरेट्री भी बन गए हैं। अगले कुछ महीनों में सिकरेट्री प्रमोट हो जाएंगे। भारत सरकार में सिकरेट्री का अपना औरा होता है। इसलिए, वे अपने मन से तो नहीं आएंगे। सूत्रों से पता चला है कि अमित शाह से शायद इस संबंध में बातें हुई हैं और उपर से अमित अग्रवाल को भेजने के संकेत मिल चुके हैं। वैसे भी हाल में जितने भी बीजेपी शासित प्रदेशों में चीफ सिकरेट्री की नियुक्ति हुई हैं, उन सभी में भारत सरकार से ही अफसरों को भेजा गया है। ऐसे में, केंद्र को अमित अग्रवाल को छत्तीसगढ़ भेजने में कोई दिक्कत नहीं होगी। हालांकि, अमित अग्रवाल के बाद चीफ सिकरेट्री के दो चेहरे छत्तीसगढ़ में र्हैं, उनमें ऋचा शर्मा और मनोज पिंगुआ शामिल हैं। दोनों 94 बैच के हैं। मनोज पिंगुआ को लेकर अटकलें भी चल रही हैं।
मगर चूकि दोनों ठीकठाक अफसर हैं, इसलिए सरकार उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहेगी। दोनों में से किसी एक को अगर चीफ सिकरेट्री बनाया गया तो एक ही बैच के होने की वजह से एक को मंत्रालय से बाहर पोस्टिंग देनी पड़ेगी। ऋचा शर्मा और मनोज पिंगुआ मंत्रालय में सीनियर लेवल पर दो प्रमुख स्तंभ हैं। ऋचा के पास फॉरेस्ट और फूड है तो मनोज के पास होम, जेल, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग। यही वजह है कि सरकार अमित अग्रवाल पर दांव लगा रही है। ठीक उसी तरह जब 2012 में डॉ0 रमन सिंह ने सिस्टम को टाईट करने के लिए सुनिल कुमार को दिल्ली से बुलाया था। सुनिल कुमार ने आते ही सबसे पहले मंत्रालय को रायपुर शिफ्थ कराया। सुनिल कुमार ने कुछ ऐसे काम किए, जिससे सरकार को बड़ा फायदा हुआ। बहरहाल, अब सवाल टाईम का है, कब होगी नए मुख्य सचिव की पोस्टिंग। फिर भी नगरीय निकाय चुनाव के बाद ही कुछ हो सकता है। जानकारों का कहना है कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में नए डीजीपी की घोषणा की जाएगी। उसी के आसपास नए चीफ सिकरेट्री की ताजपोशी करने पर सरकार विचार कर रही है।