BREAKING: Life imprisonment to 4 accused who blasted PM Modi’s meeting.
नई दिल्ली। पटना हाई कोर्ट ने राजधानी पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की सभा में बम विस्फोट करने वाले चार आरोपियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। निचली अदालत ने इस मामले में जिन चार दोषियों को फांसी की सजा हुई थी, उसे अब 30 साल कैद में बदल दिया गया है।
वहीं जिन दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, उनकी सजा को बरकरार रखा गया है। पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को इस पर अपना अहम फैसला सुनाया। निचली अदालत ने हैदर अली, मोजिबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को सजा-ए-मौत दी गई थी।
जबकि उमर और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी पटना में 27 अक्टूबर 2013 को हुंकार रैली को संबोधित करने आए थे। गांधी मैदान में भाजपा ने रैली का आयोजन किया था।
वे रैली को संबोधित कर रहे थे। उसी समय पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम विस्फोट हुआ था। इसके बाद गांधी मैदान में और आसपास छह स्थानों पर सीरियल बम विस्फोट हुए थे। विस्फोटों में छह लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे।
इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी। एनआईए ने इस मामले में 2014 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले में 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।
इसके बाद इस घटना को दोषी करार दिए गए नौ आतंकियों में से चार को फांसी, दो को उम्रकैद, दो अन्य को दस-दस साल की कैद और एक को सात साल की कैद की सजा मिली थी। इसके बाद अब इस मामले में पटना हाई कोर्ट का आज बड़ा फैसला आया है।