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BREAKING : आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके गौतम अडानी, हिंडनबर्ग को जवाब देने हायर किया सबसे महंगा वकील

BREAKING: Gautam Adani, who has made up his mind to fight across, hired the most expensive lawyer to answer Hindenburg

अमेरिकी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट से हुए भारी नुकसान और ग्रुप को पहुंची ठेस को लेकर गौतम अडानी अब आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग को करारा जवाब देने के लिए अब अडानी ग्रुप ने बदले की तैयारी के तहत कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है. इस दिशा में उठाए गए बड़े कदम के तहत समूह ने एक बड़ी और महंगी अमेरिका लॉ फर्म को हायर भी कर लिया है.

लॉ फर्म ‘Wachtell’ को हायर किया –

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंडनबर्ग से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए Gautam Adani के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को चुना है. ये फर्म दुनिया में फेमस है और इसकी सबसे ज्यादा चर्चा विवादित मामलों में लीगल फाइट करने को लेकर होती रही है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को लेकर निवेशकों के सेटिंमेंट पर पड़े विपरीत प्रभाव और उन्हें फिर से आश्वस्त करने की दिशा में उठाया गया अडानी का ये बड़ा कदम है.

कानूनी जंग लड़ने को तैयार अडानी –

अडानी ग्रुप की ओर से पहले ही कहा गया था कि वो शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अपनी कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहा है. अब आई रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप ने शॉर्ट सेलर फर्म को सबक सिखाने के लिए न्यूयॉर्क स्थित वाचटेल लिप्टन, रोसेन और काट्ज के टॉप वकीलों की सेवाएं ली हैं. गौरतलब है कि बीते 24 जनवरी को पब्लिश की गई रिसर्च रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड, स्टॉक मैन्युपुलेशन समेत कर्ज को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए गए थे.

हिंडनबर्ग की सुनामी में बहा ग्रुप का MCap –

Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट में 88 सवाल उठाते हुए जो आरोप लगाए थे, उसका अडानी ग्रुप पर ऐसा असर हुआ कि शेयरों में एकदम से सुनामी आ गई और 10 दिनों के भीतर ही Adani Group का मार्केट कैपिटलाइजेशन आधा साफ हो गया. यही नहीं शेयरों में आई जोरदार गिरावट का बुरा असर चेयरमैन गौतम अडानी के नेटवर्थ पर भी पड़ा और दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में चौथे पायदान से वे टॉप-20 तक से बाहर हो गए. 110 अरब डॉलर से ऊपर नेटवर्थ रखने वाले अडानी की संपत्ति घटकर अब महज 58.7 अरब डॉलर रह गई है.

अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को बताया था निराधार –

बता दें हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने बाद मची उथल-पुथल के बाद अडानी ग्रुप ने 88 सवालों के जवाब 413 पन्नों में दिए थे. अपने जवाब में ग्रुप की ओर से कहा गया था कि उसे बदनाम करने के लिए ये रिपोर्ट सामने लाई गई है. रिपोर्ट झूठी धारणा से प्रेरित है. हम सभी नियमों का पालन करते हैं और कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं.

 

 

 

 

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