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BIG NEWS : क्या भारत में होगें तुर्की जैसे हालात ? जोशीमठ के हाल बेहाल, दर दर भटक रहे लोग

BIG NEWS: Will there be a situation like Turkey in India? Joshimath’s condition is bad, people are wandering from door to door

उत्तराखंड के जोशीमठ के हालातों को लेकर भले ही कई दावे किए जा रहे हों लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जोशीमठ को लेकर दावा किया जा रहा कि यहां दरारें आना बंद हो गई हैं, लेकिन जोशीमठ में 5 नए घरों में फिर से दरारें देखने को मिली हैं. प्रशासन की ओर से कॉलेज के पास के भवनों में क्रैको मीटर लगाए गए थे और यहां दरारों को रेगुलेट किया जा रहा है. लेकिन अब ये क्रैकोमीटर भी टेढ़े होने लगे हैं, क्योंकि दरारें बढ़ रही हैं.

जोशीमठ में अधिकांश मकान टूट चुके हैं. कई मकान ऐसे हैं जो जर्जर हालत में हैं. सिंगधार के रहने वाले आशीष डिमरी का मकान भी जर्जर है. उन्होंने बताया कि घर के अंदर जाते ही बड़ी-बड़ी दरारें नजर आती हैं. घर के अलग-अलग हिस्सों में दरारें अब मोटी खाई की तरह दिखाई देने लगी हैं. उन्होंने कहा कि हम जी तो रहे हैं लेकिन परेशान हैं.

आशीष ने कहा कि अब तक न तो हमारे घर पर लाल निशान लगाया गया है और न ही हमें कहीं और शिफ्ट किया गया है. घर के मालिक आशीष डिमरी बताते हैं कि इस घर में उनके दो बच्चे पत्नी और उनकी मां रहती हैं. हमारे घर के बगल वाले घर की प्रशासन द्वारा निगरानी के लिए प्रशासन क्रैक मीटर की निगरानी कर रहा है, लेकिन जब हमने देखा कि ये क्रैको मीटर धीरे-धीरे टेढ़े होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि अब क्रैक नहीं आ रहा, लेकिन हकीकत ये है कि यहां देखिए अब हमारे घर में ही दरारें बढ़ रही हैं.

हालात बिगड़ने पर तुरंत शिफ्ट कर देंगे- डीएम

दरअसल, प्रशासन ने सोमवार को भी इन घरों की निगरानी की थी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने को कहा था. प्रशासन ने भी माना है कि जिन 5 इमारतों में नई दरारें आई हैं, उस पर भी नजर रखी गई है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि एक-दो दिन से हमें कुछ रिपोर्ट मिली है कि पांच घर ऐसे हैं, जहां नई दरारें दिखी हैं. इसके लिए हमने क्रैको मीटर लगाए हैं. अगर जरा सी भी स्थिति बिगड़ती है तो इन लोगों को भी तुरंत शिफ्ट कर दिया जाएगा.

एक महीने बाद भी प्रीफैब्रिकेटेड हट तैयार नहीं

जोशीमठ आपदा को 1 महीना 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक यहां प्रीफैब्रिकेटेड हट बनकर तैयार नहीं हो पाए हैं. जोशीमठ कस्बे से 1 किमी पीछे उद्यानिकी विभाग की जमीन पर प्रशासन की ओर से प्रीफैब्रिकेटेड हट तैयार की जा रही हैं. इसमें 1BHK 2BHK 3BHK प्रीफैब्रिकेटेड हट हैं. इन्हें प्रभावित लोगों को दिखाया जाएगा और इनके आधार पर जोशीमठ से 12 किमी दूर प्रभावित लोगों को प्रीफैब्रिकेटेड हट दी जाएंगी. हालांकि प्रीफैब्रिकेटेड हट बनाने का काम 18 जनवरी को शुरू किया गया था और अभी तक जोशीमठ के उद्यानिकी विभाग की जमीन पर प्रीफैब्रिकेटेड हट का मॉडल भी तैयार नहीं हो सका है.

लोग बोले- आखिर हम कहां जाएं?

नगर पालिका में रहने वाले दिगंबर सिंह बिष्ट का कहना है कि उन्हें यहां कमरा मिल गया है, इसलिए वह उसी कमरे में पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं, अभी तक कोई नीति या स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, हम कहां जाएं? कुछ अन्य जगहों पर कमरा किराये पर ले लेते हैं, तो वहां भी अगर बाद में जमीन असुरक्षित घोषित हो जाती है, तो हमें वहां से भी हटना होगा. हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि सरकार को सबसे पहले यह बताना चाहिए कि सुरक्षित स्थान कौन सा है. क्योंकि अभी तक आठ समितियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है.

जोशीमठ से CBRI की टीम भी लौट आई

जोशीमठ के मनोहर बाग में सबसे पहले खेतों में दरारें नजर आईं. वहीं मौसम विभाग की चेतावनी के साथ प्रशासन द्वारा इन खेतों की दरारों को भरने का काम किया गया. फिर बाद में इन दरारों पर पॉलीथिन भी डाल दी गई, ताकि इन दरारों में पानी न घुसे. जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे-वैसे अधिकारी भी यहां से लौट रहे हैं, जोशीमठ से CBRI की टीम भी लौट आई है. वहीं, आपदा प्रबंधन की 8 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो मसूरी के कर्णप्रयाग और लंघौर क्षेत्र का सर्वे कर जल्द से जल्द रिपोर्ट देगी. हालांकि इस बात को लेकर अभी भी संशय बना है कि आगे क्या होगा. राहत शिविरों में रह रहे लोग कितनी जल्दी सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएंगे.

अभी भी बेहतर नहीं हुए हालात

जानकारी के मुताबिकक जोशीमठ में दरारों वाले भवनों की संख्या 868 है. इनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्रों में स्थित हैं. वहीं, जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर 17 एलपीएम रह गया है. जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूस्खलन के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिला प्रशासन ने वर्तमान में सुरक्षा के मद्देनजर 243 परिवारों के 878 सदस्यों को अस्थायी रूप से विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है. जबकि 53 परिवारों के 117 सदस्य अपने रिश्तेदारों के यहां किराए पर गए हैं.

अब तक ये प्रबंध किए गए हैं

जिला प्रशासन ने जोशीमठ नगर क्षेत्र के अंतर्गत 91 स्थानों पर रहने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 661 कमरों को चिह्नित किया है. इसमें 2957 व्यक्तियों को समायोजित किया जा सकता है. दूसरी ओर जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के लिए 20 भवनों में 491 कमरों का चयन किया गया है, जिसमें कुल 2205 लोगों को रखा जा सकता है. राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक प्रभावितों को 497.30 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. अब तक 2177 भोजन किट, 2729 कंबल और 1718 लीटर दूध, 164 हीटर और ब्लोअर, 143 दैनिक उपयोग किट, 48 जोड़ी जूते, 150 थर्मल वियर, 175 गर्म पानी की बोतलें, 700 टोपी, 280 मोजे, 250 शॉल, 287 इलेक्ट्रिक राहत सामग्री के रूप में केटल और 5366 अन्य सामग्री के पैकेट वितरित किए गए हैं.

NDRF और SDRF की टीमें मौजूद

स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहा है, जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 1424 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है. प्रभावित क्षेत्रों में 122 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. शीतलहर को देखते हुए नगर निगम जोशीमठ क्षेत्र के अंतर्गत 20 स्थानों पर नियमित अलाव जलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए हीटर की भी व्यवस्था की गई है. सुरक्षा के मद्देनजर NDRF की दो टीमों के 93 और SDRF की 12 टीमों के 100 जवानों को जोशीमठ में तैनात किया गया है.

 

 

 

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