Trending Nowअन्य समाचारदेश दुनियाशहर एवं राज्य

बड़ी खबर: यहां के हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिये निर्देश, कहा- पीड़ितों के परिजनों के अनुग्रह राशि के दावे लंबित

khabarchalisa.com

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए निर्देश दिया कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों के परिजनों के अनुग्रह राशि के दावों को केवल इस आधार पर लंबित न रखा जाए कि वह ऑनलाइन दाखिल नहीं किए गए हैं। मुख्य न्यायाघीश दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) और केंद्र सरकार को उस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है जिसमें राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि ऐसे लोगों को भी अनुग्रह राशि प्रदान की जाए जिन्होंने ऑनलाइन के स्थान पर भौतिक रूप से आवेदन किया है।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुईं अधिवक्ता पूर्णिमा कंठारिया ने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार को मुंबई के शहरी और उप नगरीय इलाकों में डाक या भौतिक माध्यम से अनुग्रह राशि के लिए कुल 114 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से अधिकारियों ने 54 आवेदकों से ऑनलाइन प्रक्रिया में मदद करने के लिए संपर्क किया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के आवेदन अब बीएमसी के पास लंबित हैं। कंठारिया ने आगे कहा कि राज्य को 14 आवेदकों के बारे में पता नहीं चल पाया है कि वह कहां हैं और इसलिए सरकार ऑनलाइन माध्यम से आवेदन के लिए उनकी मदद करने में असमर्थ रही है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया ऑनलाइन पोर्टल: महाराष्ट्र सरकार
अदालत ने कंठारिया से पूछा कि क्या राज्य सरकार यह बयान देने के लिए तैयार है कि किसी आवेदन को महज इस आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा कि वह भौतिक रूप से दायर किया गया है। हालांकि, कंठारिया ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किया है। इसका उद्देश्य आवेदकों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ऐसे सभी लोगों को जरूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार है जो आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था को समझ नहीं पा रहे हैं या फिर ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने में किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, याचिकाकर्ता की वकील सुमेधा राव ने हाईकोर्ट को बताया कि अनुग्रह राशि के लिए कई दावे गरीब लोगों की ओर से किए गए हैं जिन्हें दावा करने के बारे में जानकारी नहीं है और जो ऑनलाइन तरीके के बारे में नहीं जानते हैं। राव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अनुग्रह राशि का भुगतान आवेदन के 30 दिन के अंदर हो जाना चाहिए। पिछले साल अक्तूबर और नवंबर के बीच पूरे महाराष्ट्र में लगभग 50 लोगों ने भौतिक रूप से आवेदन किया था। उन्होंने आगे कहा कि जब ये आवेदन दाखिल किए गए थे उस समय ऑनलाइन पोर्टल शुरू नहीं हुआ था। अदालत मामले की सुनवाई अब 14 फरवरी को करेगी।

 

advt_01dec2024
carshringar
Advt_160oct2024
Share This: