BIG NEWS : केन्द्र सरकार ने पैक्स का मॉडल बाइलाज तैयार कर राज्य सरकारों को सुझाव के लिए भेजा, पेट्रोल पंप और अन्यान्य व्यवसाय के लिए मिल सकती है अनुमति

BIG NEWS : The central government prepared the model bylaws of PACS and sent it to the state governments for suggestions, permission can be given for petrol pumps and other business
रायपुर। बिन सहकार नहीं उद्धार की उक्ति को चरितार्थ करते हुए केंद्र की मोदी सरकार सहकारिता के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव की योजना पर काम कर रही है। मोदी सरकार ने नए पैक्स के गठन करने और छत्तीसगढ़ के साथ ही साथ देश के सभी प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकृत करने की योजना बनाई है। केंद्र सरकार के निर्णय के मुताबिक हर पैक्स को इस काम के लिए लगभग चार लाख रूपये मिलेंगे। भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों के लाखों किसानों एवं हितग्राहियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह एवम् सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि पैक्स कंप्यूटरीकरण का निर्णय इनकी पारदर्शिता, विश्वसनीयता और कार्यक्षमता को बढ़ाएगा। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की एक अहम कड़ी साबित हो सकती है। कंप्यूटराइजेशन से जहां एक ओर सोसाइटी में खाता मिलान एवम ऋण वितरण की सुविधा में पारदर्शिता आएगी वहीं दूसरी ओर समय की भी बचत होगी । सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने बताया कि जब से केंद्र सरकार में सहकारिता मंत्रालय का स्वतंत्र रूप से गठन हुआ है। तब से सहकारी सदस्यों हितग्राहियों के हित में निरंतर नए आयाम गढ़े जा रहे हैं।
श्री द्विवेदी ने बताया कि सौवें अंतरराष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री माननीय अमित शाह जी ने जानकारी दी कि सहकारिता मंत्रालय द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) को उनके नियमित कार्यों के अतिरिक्त पेट्रोलियम उत्पादों की डीलरशिप लेने ,अस्पताल एवं शैक्षणिक संस्थाओं को विकसित करने जैसी गतिविधियों को भी क्रियान्वित किए जाने का भी मसौदा तैयार किया गया है ।इसके साथ ही सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के मॉडल बाइलॉज का मसौदा तैयार कर सभी राज्य सरकारों को भेजा गया है। जिस पर राज्य सरकारों एवं अन्य शेयरधारकों से 19 जुलाई तक सुझाव आमंत्रित किए गए है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि पैक्स की वर्तमान उपविधि मुख्य व्यवसाय के अलावा अन्य क्षेत्रों में विविधता लाने की अनुमति नहीं देती है किंतु वर्तमान में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा जो मॉडल बाइलाज बनाया गया है उससे पैक्स को बैंक मित्र, सामान्य सेवा केंद्र, (सीएससी )के रूप में काम करने की अनुमति देने ,कोल्ड स्टोरेज सेंटर और गोदाम की सुविधा प्रदान करने , डेयरी,मत्स्य पालन, सिंचाई के क्षेत्र में काम करने जैसे अनेकों व्यवसाय करने की अनुमति देने का भी प्रस्ताव किया गया है। इससे निश्चित रूप से आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना बलवती होगी और सहकार से समृद्धि का सपना भी साकार होगा।