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BIG NEWS : शहीद की पत्नियों के प्रदर्शन को लेकर गहलोत पर पायलट का हमला

BIG NEWS : Pilot attack on Gehlot for protesting martyr’s wives

राजस्थान में इस समय पुलवामा हमले में शहीद तीन जवान की पत्नियां विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. शहीदों की मूर्ति लगाने से लेकर रिश्तेदार के लिए नौकरी की मांग तक, कई मुद्दों को लेकर आवाज उठाई जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साफ कर चुके हैं कि वे किसी शहीद के बच्चे की नौकरी का हक नहीं मारेंगे. किसी के रिश्तेदार को नौकरी देना ठीक परंपरा नहीं है. अब उस स्टैंड के खिलाफ सचिन पायलट ने ही मोर्चा खोल दिया है. एक बार फिर उनकी तरफ से बिना नाम लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आईना दिखाया गया है.

क्या पायलट ने गहलोत के खिलाफ बोला?

मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि अगर नौकरी देने की बात है तो एक या दो नौकरी देने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आ जाएगा. जो मार्मिक मामले होते हैं, उन्हें संवेदनशील तरीके से हैंडल करना चाहिए. अगर नौकरी नहीं भी देना चाहते हैं तो बात कर समझाना चाहिए. ये कोई बीजेपी-कांग्रेस का मुद्दा नहीं है. सेना देश की रक्षा करती है, ये पूरे भारत की सेना है. वो अगर सीमा पर गोली खा रही है या देश की रक्षा कर रही है तो वो हमारे लिए कर रही है. अब इससे पहले भी इसी मुद्दे को लेकर पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ स्टैंड लिया है.

पत्र में पायलट ने क्या बताया था?

हाल ही में सचिन पायलट ने शहीदों की विधवाओं से मुलाकात की थी. उस मुलाकात के बाद उनकी तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया. उस पत्र में पायलट ने बताया कि शहीदों की विधवाओं ने अपने परिवार वालों को सरकारी नौकरी दिए जाने के नियमों में शिथिलता बरतने, उनके साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की जांच करवाने सहित अन्य मांगों का निराकरण करवाने का निवेदन किया है. इस मामले को लेकर सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत से अनुरोध किया है कि पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इस मामले में जरूरी कार्यवाही की जाए. वैसे ये विवाद उस समय ज्यादा बढ़ गया था जब शहीद की तीन पत्नियां राज्यपाल कलराज मिश्र से मिली थी. तब उनकी तरफ से इच्छा मृत्यु की मांग कर दी गई थी.

राज्यपाल से मिलने वाला विवाद क्या?

असल में सांसद मीणा शहीदों की विधवाओं के साथ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपने राजभवन गए थे. शहीदों की विधवाओं मंजू जाट, मधुबाला, सुंदरी देवी और रेणु सिंह ने राज्यपाल से ‘इच्छा मृत्यु’ की अनुमति मांगने वाला ज्ञापन सौंपा था. तब सांसद किरोड़ी मीणा ने ट्वीट किया,‘तीनों वीरांगनाओं के साथ राज्यपाल कलराज मिश्रजी को ज्ञापन देने शनिवार को राजभवन गया था. ज्ञापन सौंपने के बाद वीरांगनाएं मुख्यमंत्रीजी से मिलने के लिए उनके आवास की ओर पहुंची तो पुलिस ने उनके साथ अभद्रता व मारपीट की. इसमें पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए रोहिताश्व लांबा की पत्नी वीरांगना मंजू जाट घायल हो गईं. उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.’

 

 

 

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