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BIG NEWS : ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी आज, स्वर्ण मंदिर के बाहर लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, अमृतसर में बढ़ाई गई सुरक्षा

Operation Bluestar anniversary today, slogans of Khalistan Zindabad outside Golden Temple, security beefed up in Amritsar

अमृतसर। 6 जून का दिन सिखों को एक गहरा जख्म देकर गया। इस दिन स्वर्ण मंदिर में सेना का ऑपरेशन ब्लूस्टार खत्म हुआ। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर सोमवार को कई लोग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर एकत्र हुए और खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। तमाम पुलिस फोर्स की तैनाती के बावजूद सैकड़ों लोग स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए। हाथों में तलवारें लहराते हुए खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। इस दौरान लोगों के हाथों में जरनैल भिंडरावाले को पोस्टर, बैनर और तस्वीरें भी नजर आईं।

अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर तमाम लोगों की भीड़ जुटी। लोगों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए और खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल भिंडरावाले के पोस्टर-बैनर भी लहराए। इस दौरान लोगों ने स्वर्ण मंदिर के अंदर घुसने का प्रयास किया लेकिन उन्हें गेट के पास ही रोक लिया गया।

पहली बार गुरु ग्रंथ साहिब का नहीं हो पाया था पाठ –

सेना ने जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ चलाया था। अकाल तख्त हरमंदिर साहिब की तरफ बढ़ती सेना का जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों ने जमकर विरोध किया और इस दौरान दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी हुई। भारी खूनखराबे के बीच अकाल तख़्त को भारी नुकसान पहुंचा और कई सदियों में पहली बार ऐसा हुआ कि हरमंदिर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ नहीं हो पाया।

मान ने अकाल तख्त के साथ की थी बैठक –

रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की बरसी से पहले स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ बंद कमरे में बैठक की। मंदिर के दर्शन करने के बाद मान सीधे जत्थेदार के आवास पर गए। मान के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जत्थेदार के आवास से बाहर आने के बाद मीडिया को मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के बारे में कुछ नहीं बताया।

शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी क्योंकि 6 जून को बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं के अकाल तख्त पर पहुंचने की उम्मीद थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि किसी को भी किसी भी कीमत पर राज्य की शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है इसके बावजूद सैकड़ों लोग स्वर्ण मंदिर के मेन गेट तक पहुंच गए।

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