Big News: कूनो नेशनल पार्क में चीतों का मेडिकल शुरू, चंद मिनटों में पहुंचेंगे पीएम मोदी

- तीन चिनूक हेलीकॉप्टर्स से सभी आठ चीते कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए
भोपाल : साल 1952 में विलुप्त हो चुके चीतों से एक बार फिर हिन्दुस्तान की धरती आबाद होगी. इनका ठिकाना मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल वन पार्क में होगा. अपने ठिकाने पर पहुंचने के लिए नामीबिया से आठ चीते विशेष मालवाहक विमान से उड़कर आज तड़के ग्वालियर के महाराजा एयरपोर्ट पर उतर गए. यहां से ये सभी चीते सेना के विशेष हेलीकॉप्टर चिनूक से एक बार फिर उड़ान भरेंगे और इन्हें कूनो राष्ट्रीय उद्यान ले जाया जाएगा. जहां ये कुछ दिन तक विशेष बाड़े में रहेंगे. वहीं जब यहां की हवा पानी और माहौल के अभ्यस्त हो जाएंगे, तो इन्हें पूरा जंगल सौंप दिया जाएगा. पीएम मोदी 10:45 बजे लीवर खींचकर चीतों को रिलीज करेंगे.
- कूनो नेशनल पार्क में सभी आठ चीतों का मेडिकल टेस्ट शुरु हो गया है. वहीं, पीएम मोदी भी ग्वालियर से कूनो पहुंचने वाले हैं. थोड़ी देर पहले सभी आठ चीतों को तीन चिनूक हेलीकॉप्टर्स से यहां लाया गया है.
- तीन चिनूक हेलीकॉप्टर्स से सभी आठ चीते कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए हैं. थोड़ी देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सभी को लीवर खींचकर रिलीज करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी एक कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विमान ग्वालियर एयरपोर्ट पर लैंड कर गया है. यहां से पीएम मोदी अब कुनो नेशनल पार्क के लिए प्रस्थान करेंगे और 10:30 बजे चीता रिलीज प्लाइंट साइट-1 पर पहुंचेंगे और करीब 10 बजकर 45 मिनट पर लीवर खींचकर चीतों को रिलीज करेंगे.
- तीन चिनूक हेलीकॉप्टर्स से सभी आठ चीतों को कुनो नेशनल पार्क ले जाया जा रहा है. वहीं, पीएम मोदी भी थोड़ी देर में ग्वालियर पहुंचने वाले हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं.
- पीएम मोदी ने ग्वालियर के लिए रवाना हो गए हैं. वह थोड़ी देर बाद कुनो नेशनल पार्क के लिए प्रस्थान करेंगे. पीएम मोदी 10:30 बजे चीता रिलीज प्लाइंट साइट-1 पर पहुंचेंगे और करीब पौने 11 बजे लीवर खींचकर चीतों को रिलीज करेंगे.
एमपी के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव पीएम मोदी के ‘स्वयं सहायता समूह’ के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं. TV9 भारतवर्ष से बातचीत में मंत्री राजवर्धन सिंह ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मध्य प्रदेश को इतनी बड़ी सौगात दी. दत्तीगांव ने कहा कि इससे निवेश बढेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था सुधरेगी.
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मैंने खुद अपने बचपन से आज तक केवल चीते के बाद में सुना है, उसे देखा नहीं है. अब मैं भी देखूंगा और लोग भी चीता देख सकेंगे. सुना है बहुत तेज दौड़ता है.
सभी 8 चीतों को अब ग्वालियर से कूनो नेशनल पार्क ले जाने की तैयारी की जा रही है. सभी चीते सेना के विशेष हेलीकॉप्टर चिनूक से कूनो नेशनल पार्क के लिए उड़ान भरेंगे. वहां पीएम मोदी लीवर खींचकर इनको रिलीज करेंगे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, ”चीता समाप्त हो गया था. चीता को पुनर्स्थापन करने का ऐतिहासकि काम हो रहा है. ये इस सदी की वन्य जीवन की सबसे बड़ी घटना है। इससे मध्य प्रदेश और विशेष तौर पर उस अंचल में पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ेगा.” नामीबिया से आठ चीते विशेष विमान से उड़कर ग्वालियर के महाराजा एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं. यहां से ये सभी चीते सेना के विशेष हेलीकॉप्टर चिनूक से एक बार फिर उड़ान भरेंगे.
पीएम मोदी सुबह 9.40 बजे ग्वालियर लैंड करेंगे. इसके बाद वह कुनो नेशनल पार्क के लिए प्रस्थान करेंगे. वहां पीएम मोदी 10:30 बजे चीता रिलीज प्लाइंट साइट-1 पर पहुंचेंगे और करीब पौने 11 बजे लीवर खींचकर चीतों को रिलीज करेंगे.
पीएम मोदी करीब 11 बजे चीता मित्र और चीता पुनर्वास प्रबंधन समूह के साथ बातचीत करेंगे. पीएमम मोदी का दोपहर 12 बजे कराहल स्टेडियम में आगमन होगा और यहां वह स्व सहायता समूह के प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी को देखेंगे.
पहले ये नामीबिया से उड़ कर इन चीतों को जयपुर एयरपोर्ट पर उतरना था, लेकिन सरकार के संशोधित कार्यक्रम के तहत शनिवार की सुबह इन्हें ग्वालियर के महाराजा एयरपोर्ट पर उतारा जाएगा. जहां से इन चीतों को थोड़ी ही देर बाद हेलीकॉप्टर से मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण्य ले जाया जाएगा. जहां प्रधानमंत्री इन्हें पिजड़े से मुक्त कर कूनो जंगल में तैयार किए गए विशेष बाड़े में आजाद करेंगे. बता दें कि भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. ताजा जानाकरी के मुताबिक ये चीते थोड़ी देर बाद करीब 7.30 बजे एयरफोर्स के हेलीकाप्टर चिनकू से उड़ान भरकर सुबह 8 बजे कूनो जंगल पहुंचेंगे. इनके स्वागत के लिए ग्वालियर से लेकर कूनो तक भव्य इंतजाम किए गए हैं.
आठ चीतों में 5 मादा हैं
नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में मादा चीतों की संख्या 5 है, इन पांचों चीतों की उम्र दो से पांच साल के बीच है. जबकि इनके कुनबे में बढोत्तरी के लिए इनके साथ 3 नर चीते भी हैं और इनकी उम्र साढ़े चार से साढ़े पांच साल के बीच है. इन सभी चीतों को शुक्रवार की रात नामीबिया की राजधानी विंडहोक से विशेष मालवाहक विमान बोइंग 747-400 से ग्वालियर हवाई अड्डे के लिए रवाना किया गया था.
छत्तीसगढ़ में था देश का अंतिम चीता, 1947 में मौत
आजादी से पूर्व तक देश में चीतों की आबादी छत्तीसगढ़ में थी. यहां कोरिया जिले में अंतिम चीते की मौत 1947 में हो गई थी. इसके बाद 1952 में चीतों को भारत की धरती से विलुप्त घोषित कर दिया गया. भारती की धरती को एक बार फिर चीतों से आबाद करने के लिए वर्ष 2009 में अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया शुरू किया गया था. इसी प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से आठ चीतों का आयात किया गया है.