कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. टीएमसी सरकार द्वारा राज्य में संचालित ‘दुआरे राशन’ योजना को हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया है. इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के खिलाफ बताया गया है. कोर्ट ने अपने लेटेस्ट आदेश में भले ही दुआरे राशन योजना को अवैध करार दिया हो, मगर इसी साल जून में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था कि पश्चिम बंगाल दुआरे राशन योजना में कुछ भी अवैध नहीं है.
ममता बनर्जी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लाभार्थियों के घर पर खाद्यान्न वितरित करती है. राज्य सरकार की दुआरे राशन योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने कहा था कि पहले भी इसी तरह के मुद्दे पर राशन दुकान विक्रेताओं ने याचिका दायर की थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने तब भी दुआरे राशन योजना में हस्तक्षेप नहीं किया था.
हाईकोर्ट के समक्ष दायर एक रिट आवेदन में आग्रह किया गया था कि राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर, 2021 को जारी की गई उस अधिसूचना को असंवैधानिक करार दिया जाए, जिसमें पश्चिम बंगाल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (रखरखाव और नियंत्रण) आदेश, 2013 के एक प्रावधान में संशोधन किया गया था. नवंबर 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘दुआरे राशन योजना’ का उद्घाटन करते हुए कहा था कि इससे राज्य के लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ होगा. ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना की घोषणा की थी.