BIG NEWS : बच्चों के Vaccination पर आई बड़ी खबर, तो इन्हे पहले लगाया जायेगा कोरोना का टीका, जानिए कैसे और कब?
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न्यूज़ डेस्क। भारत में कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने का काम जल्द शुरू हो सकता है। वहीँ सरकार लापरवाही न बरतते हुए जल्द से जल्द बच्चों का टीकाकरण करना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि अक्टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्चों को वैक्सीन देने का काम शुरू हो जाए। माना जा रहा है कि मोटापा, दिल सहित अन्य बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले राउंड में ऐसे करीब 20-30 लाख बच्चों को कवर करने का अनुमान है।
ZyCoV-D को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी
एक मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया है कि सरकार ने जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन ZyCov-D को ध्यान में रखकर अक्टूबर-नवंबर से 12-17 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन की योजना बनाई है। बता दें कि ZyCoV-D ही इकलौती ऐसी वैक्सीन है जिसे देश में बच्चों पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
बीमारी से ग्रस्त बच्चो को पहले लगेगी वैक्सीन
आगे बताया कि सरकार जायडस के सप्लाई शुरू करने का इंतजार कर रही है। सप्लाई शुरू होते ही बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। सबसे पहले उन बच्चों को टीका लगाया जाएगा, जिन्हें कोई न कोई बीमारी है। बाकियों को अगले साल की पहली तिमाही से वैक्सीन लगनी शुरू होगी।
हर महीने होगी एक करोड़ डोज की सप्लाई
रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली खेप में जायडस करीब 40 लाख डोज सप्लाई करेगी। उसके बाद हर महीने एक करोड़ डोज सप्लाई होंगी। सरकार को उम्मीद है कि कंपनी दिसंबर तक करीब 4-5 करोड़ डोज मुहैया करा देगी। यहां गौर करने वाली बात ये है कि ZyCoV-D तीन डोज वाली वैक्सीन है। सरकार अगले साल मार्च तक बाकी बच्चों तक वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाएगी।
जल्द पुरे होने वाले है Covaxin के ट्रायल
बता दें कि भारत बायोटेक की Covaxin को भी बच्चों पर टेस्ट किया जा रहा है। उसके क्लीनिकल ट्रायल जल्द पूरे होने वाले हैं। यदि Covaxin को बच्चों पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाती है, तो उसे दो साल से ज्यादा उम्र वाले सभी बच्चों को लगाया जा सकता है। बायोलॉजिकल ई और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टीकों को भी हाल ही में बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी दी गई है।
तीसरी लहर जल्द आने की आशंका
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 18 साल से कम उम्र के करीब 44 करोड़ बच्चे हैं। इनमें से 12-17 की उम्र वाले लगभग 12 करोड़ हैं, जिन्हें सबसे पहले वैक्सीन मिलेगी। हालांकि सीमित सप्लाई को देखते हुए सरकार ने इस आयुवर्ग में भी प्रायोरिटी ग्रुप्स बनाने का फैसला किया है। यही रणनीति बड़ों के वैक्सीनेशन अभियान में भी अपनाई गई थी। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर जल्द आने की आशंका जताई जा रही है। सरकार की योजना है कि इससे पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो जाए।