BIG ENCOUNTER IN BIJAPUR : नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा, 2026 तक होगा खात्मा – सीएम विष्णुदेव साय

BIG ENCOUNTER IN BIJAPUR: Naxalism is counting its last breaths, will be eliminated by 2026 – CM Vishnudev Sai
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसमें 8 नक्सली मारे गए। सुरक्षाबलों ने मौके से इंसास राइफल, वीएलजी लॉन्चर समेत कई हथियार बरामद किए। आशंका है कि इस मुठभेड़ में कई अन्य नक्सली भी हताहत हुए हैं। फिलहाल इलाके में सघन सर्चिंग अभियान जारी है।
#WATCH | Raipur | On the Naxal encounter in Bijapur, CM Vishnu Deo Sai says, “…8 bodies of Naxalites have been recovered in an encounter… I salute our forces for their bravery… The resolve of Prime Minister Narendra Modi and Home Minister Amit Shah to end Naxalism by 21… pic.twitter.com/HHqrbDe0b6
— ANI (@ANI) February 1, 2025
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफलता पर जवानों को बधाई देते हुए कहा कि नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि यह लक्ष्य अब पूरा होने की ओर है। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उग्रवादियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
कैसे मिली सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी?
31 जनवरी 2025 को डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 और केरिपु 222 वाहिनी की संयुक्त टीम को पश्चिम बस्तर डिवीजन में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इसके आधार पर सुरक्षा बलों ने 01 फरवरी की सुबह 8:30 बजे नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया, जिसके दौरान रुक-रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई। सुरक्षाबलों ने 8 नक्सलियों को मार गिराया और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और आधुनिक हथियार बरामद किए।
बस्तर में तेज होगा विकास, सरकार चला रही विशेष अभियान
छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर अंचल को पूरी तरह नक्सलमुक्त करने और आदिवासी समुदाय के विकास को प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत सरकार नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना, सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युत और रोजगार जैसी सुविधाएं विकसित कर रही है। “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों को तेज किया जा रहा है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी शांति स्थापित करने में मदद मिल रही है।