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BIG BREAKING : EVM किसी से कनेक्ट नहीं होती, नहीं लगता OTP .. आरोपों पर बोली EC

BIG BREAKING: EVM does not connect to anyone, does not receive OTP.. EC said on the allegations

मुंबई पुलिस के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम को लेकर घमासान मच गया है. इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के नेता आमने-सामने आ गए हैं. अब विपक्षी नेताओं के आरोपों पर इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है.

रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि आज जो खबर आई उस को लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए. EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है. EVM डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता, अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है. EVM standalone सिस्टम है. खबर पूरी तरह से गलत है हमने पेपर को नोटिस इशू किया है. 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि मैंने पेपर के रिपोर्टर को समझाने की कोशिश की थी. आईपीसी की धारा 505 और 499 के तहत उन्हें नोटिस भेजेंगे. गौरव को जो मोबाइल रखने की इजाजत दी गई थी वो उनका खुद का मोबाइल था. पुलिस की जांच के बाद हम इंटरनल जांच करेंगे कि नहीं यह आगे तय किया जाएगा.

क्या है मामला

मुंबई पुलिस ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने ये एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनवा सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने का आरोप में दर्ज की है. इसके साथ ही पुलिस ने मंगेश पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.

इस मामले को लेकर नॉर्थ पश्चिम सीट से लड़ने वाले कई उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग की तरफ से शिकायतें मिली थीं, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है. नॉर्थ पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर रिकाउंटिंग के बाद मात्र 48 वोटों से चुनाव जीते थे, जिसको लेकर मतगणना के वक्त भी काफी विवाद हुआ था.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है. ये फोन पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है. इसी दौरान दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. ईसीआई के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं जो अब मुंबई पुलिस को सौंप दिए गए हैं.

जांच के लिए बनी 3 टीमें

मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने बनाई तीन टीमें. आज से पुलिस चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी जो जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस हमारे फोन की सीडीआर ले रही है और मोबाइल नंबर की सारी जानकारी प्राप्त कर रही है. फोन जब्त कर लिया गया है.पुलिस यह जानना चाहती है कि कॉल किसे किए गए और कितने ओटीपी प्राप्त हुए. पुलिस यह भी जानना चाहती है कि उस फोन पर कॉल आई थी या नहीं. नियमों के अनुसार. ओटीपी जनरेट होने के बाद फोन को आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) पुलिस को देना होगा जो यह जांच करेगा कि फोन वापस क्यों नहीं लिया गया.

 

 

 

 

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