
BIG BREAKING: Congress changed 4 candidates after protests, see list
डेस्क। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए चार सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं. कांग्रेस ने चार सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं, जिन सीटों पर उम्मीदवारों को बदला गया है, उनमें मुरैना जिले की सुमावली, नर्मदापुरम जिले की पिपरिया उज्जैन जिले की बड़नगर और रतलाम जिले की जावरा विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं, जिनमें दो विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है, जबकि कांग्रेस ने पहले इन विधायकों का टिकट काटा था.
सुमावली से अजब सिंह कुशवाहा को बनाया प्रत्याशी, कुलदीप सिकरवार का टिकट कटा.
पिपरिया से वीरेंद्र रघुवंशी लड़ेंगे चुनाव, गुरु चरण खरे को किया गया ड्रॉप.
बडनगर से मुरली मोरवाल को फिर पार्टी ने दिया टिकट, दूसरी सूची में राजेंद्र सिंह सोलंकी का था नाम.
जावरा से वीरेंद्र सिंह सोलंकी को दिया टिकट, हिम्मत श्री माल भी बाहर हुए.
दो विधायकों को फिर से टिकट
कांग्रेस ने जिन सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं उनमें दो विधायकों को फिर से टिकट दिया है. पार्टी ने सुमावली विधानसभा सीट पर विधायक अजब सिंह कुशवाहा को फिर से प्रत्याशी बनाया है, पहले अजब सिंह का टिकट काट दिया गया था. अजब सिंह बसपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दे दिया है. इसी तरह से उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने विधायक मुरली मोरवाल को फिर से प्रत्याशी बनाया है. मुरली मोरवाल भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे. ऐसे में पार्टी ने टिकट देकर एक तरह से बगावत को रोका है.
अब तक सात प्रत्याशी बदल चुकी कांग्रेस
टिकट वितरण के बाद उपजे विरोध के चलते कांग्रेस को अब तक सात सीटों पर प्रत्याशी बदलने पड़े हैं. पार्टी ने दूसरी सूची में तीन सीटों गोटेगांव, दतिया और पिछोर में प्रत्याशी बदले थे. जबकि अब सुमावली, पिपरिया, बड़नगर और जावरा में प्रत्याशी बदले हैं. मतलब पार्टी ने अब तक सात सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं. जबकि पार्टी मंडला जिले की निवास सीट पर प्रत्याशियों की अदला बदली कर चुकी है.
आमला और शिवपुरी में अभी भी फंसा पेंच
खास बात यह है कि कांग्रेस की प्रॉब्लम अभी भी पूरी तरह से दूरी होती नजर नहीं आ रही है. पार्टी ने भले ही सात सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं, लेकिन अभी भी आमला और शिवपुरी विधानसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है. डिप्टी कलेक्टर रही निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वह इस सीट से टिकट की मांग कर रही है, जबकि कांग्रेस यहां से मनोज मालवे को उतार चुकी है, ऐसे में कांग्रेस यहां भी फंसी नजर आ रही है. जबकि शिवपुरी में कांग्रेस ने सीनियर विधायक केपी सिंह को टिकट दिया है, जबकि केपी सिंह अपनी परंपरागत पिछोर सीट से ही चुनाव लड़ते रहे हैं. जिससे यहां भी मामला फंसा हुआ है.