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Balodabazar sex racket: बलौदाबाजार बहुचर्चित सेक्स रैकेट एवं ब्लैकमेलिंग मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी हवलदार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Balodabazar sex racket: बलौदाबाजार। बलौदाबाजार शहर में बहुचर्चित सेक्स रैकेट एवं ब्लैकमेलिंग में आरोपी हवलदार समीर शुक्ला की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी हवलदार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत के समक्ष तर्क रखा कि समीर शुक्ला 12 मार्च 2024 से 22 अगस्त 2024 तक सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में हवलदार के पद पर पदस्थ था। इस दौरान उसके अधिकारी एवं इंचार्ज अमित तिवारी थे। जिनके निर्देश पर ही वह कार्य करता था।

Balodabazar sex racket:अधिवक्ता ने यह भी बताया कि आरोपी हवलदार ने उच्च न्यायालय में अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने हेतु रिट याचिका दायर की थी। जिसमें उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए आदेश पारित किया कि समीर शुक्ला के विरुद्ध कोई ठोस मामला नहीं बनता। इसके बावजूद भी बलौदाबाजार पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते को सील कर दिया है। इसी आधार पर अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ देने की अपील की।

Balodabazar sex racket:अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती स्तर पर है और आरोपी के खिलाफ कई महत्वपूर्ण सबूत सामने आए हैं। ऐसे में अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रथम अपर न्यायाधीश ने समीर शुक्ला की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। ज्ञात हो कि अब आरोपी हवलदार के पास उच्च न्यायालय में अपील करने का विकल्प शेष है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस इस प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है और आगे और भी खुलासा होने की संभावना है।

वीडियो फुटेज और कॉल डिटेल से आरोपी की संलिप्तता स्पष्ट है -कोर्ट

Balodabazar sex racket:अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार अभियोग पत्र दायर किए जाने तक समीर शुक्ला के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे। जिसके चलते उच्च न्यायालय ने पहले उसकी याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि केस डायरी में संलग्न पत्रों और साथियों के आधार पर स्पष्ट हुआ कि पुलिस के पास मौजूद वीडियो फुटेज में आरोपी हवलदार की संलिप्तता पाई गई है। इसके अतिरिक्त मोबाइल कॉल डिटेल की जांच में भी यह साबित हुआ कि समीर शुक्ला किसी हनी टैपिंग मामले में प्रत्येक रूप से शामिल था। लोक अभियोजक ने अदालत में समीर शुक्ला की अग्रिम जमानत पर पुरजोर विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि मामला बेहतर बेहद गंभीर है क्योंकि इस सेक्स स्कैंडल सेक्स रैकेट एवं ब्लैकमेलिंग प्रकरण अपराध क्रमांक 250/ 24 में पीडि़त से जबरन धन वसूली की गई थी। पीडि़त के बयान में यह तत्व सामने आया कि आरोपियों ने नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म का भय दिखाकर रकम ऐंठी और फिर आपस में बाटकर मामले को रफा-दफा कर दिया।
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