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ATUL SUBHASH SUICIDE CASE : सुप्रीम कोर्ट ने अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी पर दिया अहम फैसला, दादी को कानूनी फोरम से जाने का निर्देश

ATUL SUBHASH SUICIDE CASE: Supreme Court gives important decision on the custody of Atul Subhash’s son, directs grandmother to go to legal forum

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रसिद्ध सुसाइड मामले में सुनवाई करते हुए अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने अतुल सुभाष की मां अंजु देवी की याचिका पर निर्णय लेते हुए बच्चे की कस्टडी उसकी मां निकिता सिंघानिया को दी है। कोर्ट ने कहा कि बच्चा अपनी मां के पास है, और अगर दादी को कस्टडी चाहिए तो वह उचित कानूनी फोरम में जा सकती हैं।

अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में उनकी मां अंजु देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पोते की कस्टडी मांगी थी। अंजु देवी ने आरोप लगाया था कि बच्चे का पता नहीं चल रहा और वह उसके पास नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतुल के 4 वर्षीय बेटे से भी बात की। इसके बाद जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस एस.सी. शर्मा ने इस मामले में फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दादी को बच्चे की कस्टडी चाहिए, तो उन्हें संबंधित कानूनी मंच से संपर्क करना होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट सीधे इस तरह के मामलों की सुनवाई नहीं करता।

इस फैसले के बाद, निकिता सिंघानिया के वकील ने कोर्ट से यह अनुरोध किया कि बच्चे की कस्टडी और मामले से जुड़ी जानकारी केवल कानूनी प्रक्रियाओं के तहत तय की जाए।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि यह एक संवेदनशील और चर्चित मामला है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चे की मां निकिता सिंघानिया के पास ही बच्चा है, और यदि दादी को कोई आपत्ति है तो उन्हें कस्टडी के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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