ब्रिटेन में हिंदुओं पर हमलों के बाद ताबड़तोड़ 27 लोगों की गिरफ्तारी, मंदिर के अपमान से भारत नाराज
लंदन : ब्रिटेन के लीसेस्टर शहर में भारतीय हिंदुओं पर पाकिस्तानी मुस्लिमों द्वारा किये गए हमलों के बाद स्थानीय पुलिस ने कुल 27 लोगों को हिरासत में लिया है. लीसेस्टर पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा कि पूर्वी लीसेस्टर क्षेत्र में चले एक पुलिस अभियान के तहत अब कुल 27 गिरफ्तारियां की गई हैं. इलाके में पुलिस गश्त जारी है, जबकि गिरफ्तारी के बाद पूरी जांच कर रहे हैं. साथ ही सोमवार को अस्थायी मुख्य कांस्टेबल रॉब निक्सन ने क्षेत्र में शांति का आह्वान करते हुए कहा कि अधिकारियों ने कड़ी मेहनत करते हुए सीसीटीवी की जांच के अलावा घर-घर जाकर पूछताछ में इन लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारी के मुताबिक क्षेत्र में शांति बनी हुई है.
हिंदू- मुस्लिम में क्यों भड़की हिंसा
स्थानीय मीडिया के अनुसार 28 अगस्त को दुबई में आयोजित भारत-पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट मैच के बाद प्रशंसकों के बीच विवाद के बाद शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को झड़पें शुरू हो गई थीं. ब्रिटिश मीडिया में आई खबरों और सोशल मीडिया के वीडियो के अनुसार, भारतीय प्रशंसक मैच के बाद लीसेस्टर के पड़ोस बेलग्रेव में जीत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए थे जहां एक व्यक्ति की टी-शर्ट फाड़ दिए जाने के साथ हिंसा भड़क उठी थी. वहीं द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार की रात को नवीनतम हिंसा उस समय भड़क उठी जब पाकिस्तानी पुरुषों के एक समूह को शहर के ग्रीन लेन रोड इलाके से मार्च करते हुए फिल्माया गया, जहां एक हिंदू मंदिर स्थित है. ऐसे ही एक वीडियो में पाकिस्तानी हिंदू मंदिर के झंडे को उखाड़कर फेंकते हुए दिख रहे हैं.
भारतीय मूल की दृष्टि माई ने द गार्जियन को दिए एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि शहर में हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. हिंदू समाज ने कथित तौर पर पाकिस्तानियों के पुलिस के सामने पवित्र हिंदू ओम ध्वज का कथित रूप से अपमान करते हुए दिखाने वाले वीडियो भी पोस्ट किए हैं और मांग की है कि पुलिस लीसेस्टर में हिंदुओं पर हमला करने वाले दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करे.
भारतीय उच्चायोग ने की कड़ी निंदा
ब्रिटेन में हिंदुओं पर हुए हमलों के बाद लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक प्रेस विज्ञप्ति पोस्ट की, जिसमें लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा और हिंदू धर्म के प्रतीकों के साथ बर्बरता की कड़ी निंदा की गई है. साथ ही ब्रिटेन की सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की गई है.