हृदय रोग Ebstein’s Anomaly से ग्रसित 17 वर्षीय किशोरी की इस अस्पताल में हुई सफल सर्जरी

रायपुर : – जन्मजात हृदय रोग Ebstein’s Anomaly से ग्रसित 17 वर्षीय किशोरी बिंदिया की जटिल किंतु सफल सर्जरी श्री वेंकटेश सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर में की गई। यह एक अत्यंत दुर्लभ हृदय दोष है, जो लगभग दो लाख में किसी एक नवजात में पाया जाता है। इस स्थिति में हृदय के दारी आलिंद (Right Atrium) और निलय (Right Ventricle) के बीच स्थित त्रिकपाटी चाल्य (Tricuspid Valve) पूर्ण रूप से विकसित नहीं होता और निलय के भीतर धंस जाता है, जिससे निलय का एक बट्टा भाग आलिंदमय एवं कमऔर हो जाता है। इसके कारण रक्त का प्रवाह फेफड़ों के विपरीत दिशा में होने लगता है, जिससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई और थकावर जैसे लक्षण होते हैं एवं शरीर में axygen की मात्रा 99% से घट कर 50-60% ही रह जाती है।
सहर के मध्य स्थित इस 170-बैंड के सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सभी प्रमुख विशेषा विभाग कार्यरत हैं।
इसी उत्कृष्टता की परंपरा को आगे बहाते हुए, इस अत्यंत अहिलं सर्जरी को श्री वेंकटेश सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ कार्डियक सर्जन डॉ. प्रतीक पांडेय एवं उनकी कुशल टीम द्वारा सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। डॉ. पांडेय ने बताया कि तमाम तैयारियों के बावजूद अतिम निर्णय ऑपरेशन टैबल पर लिया गया। हमारे पास कुछ आसान विकल्प ये-जैसे Glenn Shunt या कृत्रिम वाल्व-but. ये समाधान मरीज को दीर्घकालिक जीवन गुणवत्ता नहीं दे पाते एवं 10-12 साल में खराब हो जाते है, अतः रिपीट सर्जरी करनी पड़ती है, जोकि जोखिम भरा होता है।
हमने Cone Repair नामक एक अत्यंत जटिल लेकिन अधिक लाभकारी प्रक्रिया चुरी। इसमें हृदय के अधिकसित त्रिकपाटी कपाट को निकालकर उसे शंक्वाकार रूप में पुनः निर्मित कर प्रत्यारोपित किया जाता है। यह सर्जरी केवल उच्य प्रशिक्षित और अनुभवी कार्डियक सर्जनों द्वारा ही की जा सकती है। इस ऑपरेशन में हार्ट पुर्वी तसा से नॉर्मल हो जाता है तथा भविष्य में दुबारा ऑपरेशन की अरूरत नहीं पड़ती।
मरीज के परिजनों ने श्री वेंकटेश सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब विश्वस्तरीय दृटय सल्य चिकित्सा हमारे राज्य में उपलब्ध है, जिसके लिए पहले महानगरों की और रूठा करना पड़ता था।
श्री वैकरेश हॉस्पिटल में हृदय सर्जरी विभाग की उच्च गुणवत्ता चाली टीम में डॉ. प्रतीक पाण्डेय (कार्डियक सर्जन) के अलावा डॉ चंदेल (वतित्र कार्डियक सर्जन), डॉ. कमलकांत आदिले (वरिष्ठ इंटस्यैशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. बालाजी साह (इंटेंसिविस्ट) भी सामिल रहे।
डॉ. प्रतीक पांडेय, इसकी समर्पित टीम तथा जिला कवधों की संपूर्ण चिरायु टीम का विशेष धन्यवाद, जिनके सहयोग से यह जीवनदायिनी प्रक्रिया सफल हो सकी।