Trending Nowशहर एवं राज्य

 तिरछी नजर : जमीन का खेला 

 

राज्य सरकार ने 2 हजार वर्गफीट तक जमीन आबंटन के अधिकार कलेक्टरों को क्या दिए, इसका बंदरबांट शुरू हो गया है । रायगढ़ जिले में तो जमीन आबंटन में बड़ा स्कैंडल उजागर हुआ है इसे देखकर राजस्व सचिव से लेकर मंत्री तक हिल गए हैं । बताते हैं कि शहर के बड़े व्यापारियों ने प्रशासन के साथ सांठगांठ कर 40 करोड़ की जमीन 5 करोड़ में खरीदने की तैयारी कर ली थी । प्रशासन ने आबंटन की प्रक्रिया पूरा कर अंतिम मुहर लगाने के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया था। इस प्रस्ताव में गाइडलाइन रेट को लेकर जिस तरह हेरफेर किया गया था उसको देखकर मंत्रालय के आला अफसर भी कांप गए ।

रमन सरकार में पी दयानंद के कोरबा कलेक्टर रहते जयसिंह अग्रवाल खुद जमीन के लफड़ों से भारी परेशान थे।  अभी तक इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। राजस्व मंत्री अग्रवाल ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जमीन आबंटन की फाइल निरस्त कर दिया और यह निर्देश दे दिया है कि कोई बड़ा घोटाला कर मुझे और सरकार को मुसीबत में डाले तो खैर नहीं । उन्हें मध्यप्रदेश के जमाने का माड़ोताल जमीन घोटाला याद आ गया, जिसने छत्तीसगढ़ के उस वक्त के दो मंत्री प्यारेलाल कंवर और बीआर यादव का राजनीतिक कैरियर ही खत्म कर दिया था।

 

राजस्व नियम में बदलाव

कांग्रेस राज्य सरकार आने के बाद राजस्व विभाग द्वारा बनाये गये नियम और छूट को लेकर अधिकारी और विपक्ष दोनों चितिंत हैं। विरोध करने वाले अधिकारी तो हटा दिये गये। राजनेता, अर्जुन सिंह के कार्यकाल में जिस तरह सरकारी जमीनों का बंदरबांट हुआ उसको याद कर रहे हैं। अभी एक और कानून नियम बनाने की तैयारी चल रही है इसे विधानसभा के अगले सत्र में लाया जा सकता है। अगर यह नियम कानून आया तो एक बड़ा बखेड़ा खड़ा हो सकता है।

खैरागढ़ में ध्रुवीकरण पर नजर

चुनाव के दौरान हिंदू, मुस्लिम का कार्ड खेलने में माहिर भाजपा को कांग्रेस कोई मौका देना नहीं चाहती। खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस कितनी रणनीति भरी कदम उठा रही है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पड़ोसी जिले के विधायक व वनमंत्री मोहम्मद अकबर को चुनाव संचालन की तमाम समिति व कार्यक्रमों से बाहर रखा गया है। दिवंगत शिवेन्द्र बहादुर सिंह से राजनीति का गुण सीखने वाले अकबर क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक समीकरण से वाकिब है इसलिए चुनावी प्रबंधन और पंडरिया कवर्धा से लगे गांव में लीड दिलाने की रणनीति में प्रमुख भूमिका निभा रहे है।

नंदन जैन का रूतबा

नंदन जैन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं ।जैन भाजपा का कोष संभालते हैं ।बताते हैं कि इन दिनों वो रोज पार्टी के कार्यकताओं को फोन कर सहयोग निधि जमा करने के लिए कह रहे हैं । यह राशि 20 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक है । रायपुर जिले से 5 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है । कई कार्यकर्ता ऐसे हैं जिन्हें कोई पद नहीं मिला वो तो नंदन जैन की डिमांड सुनकर ही भड़क जा रहे हैं । जिन्हें सबकुछ मिला है वो उम्मीद के मुताबिक़ सहयोग नहीं कर रहे हैं । ऐसे में नंदन जैन को इस बार निधि जुटाने में थोड़ी दिक्कत आ रही है ।

कर्मचारी नेता का राजनीति में प्रवेश

अगले दो महीने में सरकारी सेवा से रिटायर होने वाले एक बड़े कर्मचारी नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं । कर्मचारी नेता की सामाजिक और धार्मिक लोगों के बीच भी अच्छी पकड़ है। कुछ लोग मानते हैं कि वो रायपुर दक्षिण से चुनाव भी लड़ सकते हैं । यदि ऐसा हुआ तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है ।

advt_01dec2024
carshringar
Advt_160oct2024
Share This: