मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, चंदूलाल चंद्राकर कॉलेज से निकाले गए कर्मचारियों ने लगा दिया ताला

भिलाई : सरकार के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिग्रहण के बाद यहां कार्यरत 101 मैनेजमेंट कर्मचारी पूरी तरह से बेरोजगार हो गए हैं। सरकार ने नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर मैनेजमेंट के कर्मचारियों का संविलियन करने से मना कर दिया है। इसे लेकर मंगलवार को सभी कर्मचारियों ने तालाबंदी हड़ताल की। इस दौरान कर्मचारियों ने नौकरी दो या मौत दो… के नारे लगाकर राज्य सरकार से नौकरी देने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कर्मचारी अस्पताल और कॉलेज के अधिग्रहण के साथ ही उनका भी अधिग्रहण करने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि उनके सभी पदों को पहले बहाल किया जाए, उसके बाद नई वैकेंसी जारी की जाए। कर्मचारियों का आरोप है कि इस संबंध में उन्होंने कई बार शासन, मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक को पत्र भी लिखा है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इसे लेकर उन्होंने मंगलवार को तालाबंदी और एक दिवसीय हड़ताल की है। उन्होंने मेडिकल के गेट को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रखा और वहीं सामने धरना प्रदर्शन किया। अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से निकाले गए 101 कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले 4 माह से वह लोग बेरोजगार हैं। उनसकी स्थिति भुखमरी के कगार तक पहुंच गई है। इसलिए उन्होंने अपनी मांग को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
हेल्थ सेक्रेटरी ने बात करने से किया इंकार
यहां स्टेनो कम कम्यूटर ऑपरेटर के पद पर कई सालों से कार्यरत धनौष कुमार साहू ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के 101 कर्मचारियों के ऊपर रोजगार का संकट मंडरा रहा है। अधिग्रहण को लेकर हेल्थ सेक्रेटरी आलोक शुक्ला सोमवार को मेडिकल कॉलेज आए थे। सभी कर्मचारियों ने उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दया। सरकार का कहना है कि चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अधिनियम 2021 के कंडिका 12 में लिखा गया है कि पूर्व कर्मचारी शासन में बने रहने के लिए मांग नहीं कर सकते हैं। इसी अधिनियम का हवाला देकर वह लोग उनकी मांग नहीं मान रहे हैं।
कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई का बनाया मन
हड़ताल कर रहे कई अन्य कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने आरपार का आंदोलन करने का मन बना लिया है। जल्द ही यह आंदोलन शुरू हो जाएगा। हम सरकार से दो ही चीज मांग रहे हैं कि या तो सभी पूर्व कर्मचारियों को नौकरी दी जाए नहीं तो मौत दे दी जाए। इसके अलावा उन्हें कुछ भी स्वीकार नहीं है।