रमन सिंह और संबित पात्रा को टूलकिट मामले में क्लीन चिट नही, अदालत का नाम लेकर बोला जा रहा झूठ – शैलेश नितिन
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती दी है कि वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को सार्वजनिक करें जिसमे रमन सिंह और संबित पात्रा को टूलकिट मामले में क्लीन चिट दी गई है या फिर अदालत का नाम लेकर झूठ बोलने और गुमराह करने के लिए मीडिया और जनता से भाजपा क्षमा याचना करें। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश अब पब्लिक डोमेन में आ चुका है। सब ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश पढ़ लिया है और उसमें कहीं भी रमन सिंह और संबित पात्रा को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को तोड़मरोड़ कर भाजपा ने मीडिया में गलत और तथ्यहीन जानकारियां दी। राजनैतिक उद्देश्यों से न्यायपालिका के आदेश का गलत आशय मीडिया के आगे प्रस्तुत करना अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है। भाजपा ने झूठ बोलने में सारी सीमाएं पार कर दी है। अदालत के आदेश को तोड़मरोड़ कर और अपनी राजनैतिक जीत के रूप में प्रस्तुत कर भाजपा ने सारी मर्यादा को ताक पर रख दिया। सर्वोच्च न्यायालय के मूल आदेश और उसका हिंदी अनुवाद सामने आने से भाजपा की कलई खुल गई है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि टूलकिट मामले में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा नेता खुद को पाक साफ और निर्दोष बताने के लिए माननीय न्यायालय के आदेश को भी तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे हैं। भाजपा का झूठ अंतहीन है। भाजपा की अफ़वाहों का कोई स्तर नहीं है। भाजपा के पाखंड की भी कोई सीमा नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय के रमन सिंह और संबित पात्रा के मामले में आदेश से भाजपा के प्रपंच, झूठ और जुमले की कलई खुल गयी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को लेकर की गई गलत बयानबाजी से भाजपा के चाल, चेहरा और चरित्र उजागर हुआ।
इसके पहले भी ट्विटर ने जब रमन सिंह और संबित पात्रा के ट्वीट को “मैनिपुलेटेड मीडिया“ कहा था तो पूरी भाजपा और उनकी केंद्र सरकार ट्विटर पर मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग हटाने के लिए दबाव डालते रहे थे। अभी भी समय है कि रमन सिंह और संबित पात्रा को जनता को बताएं कि कांग्रेस पर आरोप लगाने के लिए झूठे पेपर ट्वीट किये थे की नहीं?