रायपुर। प्रदेश भाजपा में अंतकर्लह दिनों-दिन घर करता जा रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जहां भाजपा अभी से जूट गई है। तो वहीं अब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में बगावती सुर दिखने शुरु हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी ठोकते दिख रहे हैं। तो वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने आदिवासी नेतृत्व की बात छेड़ दी है। इससे प्रदेश भाजपा में राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति बन गई है।
आपको बता दें कि नंदकुमार साय एमपी और छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। ऐसे समय में वरिष्ठ नेता साय द्वारा आदिवासी नेतृत्व की मांग पर जोर देना कहीं न कहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की साख पर सवाल उठा रहा है।आने वाला समय ही बताएगा की वरिष्ठ नेता साय पार्टी के लिए तारण हार साबित होते हैं या फिर पार्टी में उनकी आवाज दबकर ही रही जाएगी। हालांकि प्रदेश में जब भी चुनाव नजदीक आता है आदिवासी नेतृत्व की आवाजें उठनी आम बात होती है।वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने विश्व आदिवासी दिवस पर कहा कि अब छत्तीसगढ़ बीजेपी में आदिवासी नेतृत्व की जरुरत है। साय ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर पार्टी को विचार करना चाहिए। यह एक दिशा है जो पार्टी पीछे चल रही है। उसे ऊपर उठाने के लिए नेतृत्व को विचार करना चाहिए।