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तबादले की चुनौती वाली याचिका को HC ने किया खारिज, कहा – स्थानांतरण और तैनाती नौकरी का हिस्सा

बिलासपुर, 4 अक्टूबर। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एक कर्मचारी ने अपने तबादले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्थानांतरण और तैनाती नौकरी का अभिन्न हिस्सा है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब तक आदेश दुर्भावना से प्रेरित न हो या कानूनी नियमों का उल्लंघन न करे, तब तक न्यायालय को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

 

अदालत ने आगे कहा कि कर्मचारियों को जनहित और प्रशासनिक जरूरत के अनुसार कहीं भी भेजा जा सकता है। अगर किसी के तबादले से कोई पद खाली होता है, तो वहां किसे तैनात करना है, यह सरकार का अधिकार है।

 

याचिकाकर्ता जितेंद्र कुमार मिश्रा सरकारी हाई स्कूल छतौना (तहसील तखतपुर) में विधि प्रकोष्ठ के अंतर्गत सहायक ग्रेड-2 के पद पर कार्यरत थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने उनका तबादला मानिकचौरा (ब्लॉक मस्तूरी) कर दिया। उन्होंने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

 

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उनकी नियुक्ति 1994 में सहायक ग्रेड-3 के पद पर हुई थी और 2008 में सहायक ग्रेड-2 पर पदोन्नति दी गई। बाद में उन्हें विधि प्रकोष्ठ में पदस्थ किया गया था। उनका कहना था कि वे डीपीआई (निदेशक, लोक शिक्षण) के आदेश पर तैनात हैं, इसलिए कलेक्टर को उनका तबादला करने का अधिकार नहीं है।

 

शासन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का नाम डीईओ बिलासपुर के अधीनस्थ कर्मचारी के रूप में दर्ज है। उनकी मूल नियुक्ति भी इसी कार्यालय में है। प्रशासनिक जरूरत और कार्य-संचालन को देखते हुए उनका तबादला शासकीय उमा विद्यालय, मानिकचौरी (ब्लॉक मस्तूरी) किया गया है। सरकार ने यह भी कहा कि वे स्थानांतरणीय पद पर कार्यरत हैं और कर्मचारी का ट्रांसफर करना राज्य का विशेषाधिकार है।

 

कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद खारिज कर दी।

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