
बस्तर, 28 अगस्त : एनएमडीसी ने अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत दंतेवाड़ा के किसानों की सतत आजीविका और कृषिजन्य आय को बढ़ाने के उद्देश्य से ग्रामीण किसानों को पांच हजार से अधिक फलदार पौधे वितरित किए। कार्यक्रम के प्रथम चरण में दंतेवाड़ा के नौ गांवों के 126 किसानों को नारियल, आम, लीची और अन्य घरेलू किस्मों के फलदार पौधे प्रदान किए गए। उद्देश्य है कि किसान परिवार ऐसे बगीचे तैयार करें, जो उनकी दीर्घकालिक आय देने वाली संपत्ति बन सकें।
एनएमडीसी की यह पहल उस व्यापक ग्रामीण विकास कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हरित क्षेत्र, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक सुदृढ़ता को एक साथ बढ़ावा देना है। एनएमडीसी का लक्ष्य है- छोटे और सीमांत किसानों को फलदार पौधे प्रदान कर उनके लिए स्थायी रुप से एक पूरक आय का स्त्रोत तैयार करना, पौष्टिकता बढ़ाना और कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त और मजबूत बनाना ।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
● कार्यक्रम के तहत इस वर्ष 5,000 से अधिक फलदार पौधे वितरित किए गए ।
● चालू फेज में 9 गांवों के 126 किसानों को सहायता प्रदान की गई ।
● वितरित पौधों में नारियल, आम, लीची और अन्य स्थानीय रुप से उपयुक्त फलदार वृक्ष शामिल हैं ।
● यह कार्यक्रम किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य विविधता सुधारने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के स्थायी प्रभाव पर केंद्रित है ।
यह पहल कंपनी की परियोजना संचालित क्षेत्रों में समावेशी और सतत विकास के प्रति एनएमडीसी की व्यापक प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है ।
कृषि संबंधी इस सहायता के अतिरिक्त एनएमडीसी बस्तर और आसपास के जिलों में युवाओं के लिए कई शैक्षणिक और कौशल विकास से जुड़े कार्यक्रम चलाता है। बालिका शिक्षण योजना के तहत कंपनी हर साल 200 आदिवासी बच्चियों को हैदराबाद के अपोलो नर्सिंग इंस्टीच्यूट के जरिये नर्सिंग कोर्स कराती है, जिससे अबतक 500 से ज्यादा छात्राओं को लाभ मिला है। वहां से निकली छात्राएं सरकारी और कारपोरेट अस्पतालों में कार्य कर रही हैं ।
एनएमडीसी छात्रों को ‘शिक्षा सहयोग योजना’ के माध्यम से छात्रवृत्तियां भी प्रदान करता है और साथ ही एक अत्याधुनिक ‘एजुकेशन सिटी’ का निर्माण भी किया है, एक ऐसा बहु-सुविधायुक्त केंद्र, जो ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करता है ।
इसके अतिरिक्त, हॉस्पिटल ऑन व्हील्स कार्यक्रम के माध्यम से मोबाइल स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे दूरदराज़ के लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें ।