Online Gaming Bill 2025: राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल बना कानून, उल्लंघन पर होगी इतने साल की जेल

Online Gaming Bill 2025 : नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेश) बिल 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह बिल संसद के दोनों सदनों से इस हफ्ते ही पास हुआ था। इस कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, लेकिन ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाना है।
सरकार का कहना है कि इस कदम से नशे की लत, आर्थिक नुकसान और आत्महत्या जैसे खतरों को रोका जा सकेगा। साथ ही, ई-स्पोर्ट्स को अब कानूनी मान्यता मिलेगी और युवाओं के लिए खेल का नया क्षेत्र खुलेगा।
बिल के तहत क्या-क्या होंगे बदलाव?
अब ई-स्पोर्ट्स को खेल के तौर पर मान्यता मिलेगी। युवा मामलों और खेल मंत्रालय इसके लिए अलग फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
सोशल गेम्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि खिलाड़ी सुरक्षित और जिम्मेदारी से खेल सके।
पहले ई-स्पोर्ट्स को कोई कानूनी मान्यता नहीं मिली थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
मनी गेम्स पर सरकार की सख्ती
इस कानून के तहत पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को चलाना, उसका विज्ञापन करना या उनसे जुड़ा लेन-देन करना अपराध होगा। हालांकि, खिलाड़ियों पर कोई सजा नहीं होगी। लेकिन ऐसे गेम चलाने वाले, विज्ञापन देने वाले और आर्थिक मदद करने वालों को जेल और जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
क्या-क्या हो सकती है सजा?
ऐसे गेम चलाने वालों को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
विज्ञापन देने वालों को 2 साल तक कीजेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
पैसे से जुड़े लेन-देन पर 3 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
बार-बार अपराध करने वालों पर 5 साल तक की जेल और 2 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
‘समाज को रखना है सुरक्षित’
सरकार ने अधिकारियों को यह भी अधिकार दिया है कि वे ऑनलाइन या ऑफलाइन संपत्ति जब्त कर सकें और जरूरत पड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी भी कर सके। सूत्रों के मुताबिक, इस कानून से सरकर को सलाना 15 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये तक GST का नुकसान हो सकता है। लेकिन, आईटी मंत्रालय का कहना है कि राजस्व नुकसान से ज्यादा अहम समाज को सुरक्षित रखना है।