CG POLITICAL: छत्तीसगढ़ में खाद संकट …कांग्रेस का आरोप, कहा- धान खरीदना न पड़े इसलिए खाद नहीं

CG POLITICAL: रायपुर, 3 जून 2025: छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले खाद की उपलब्धता को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस ने राज्य की बीजेपी सरकार पर खाद संकट को जानबूझकर पैदा करने का गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस का दावा है कि सरकार ने खरीफ सीजन के लिए जरूरी 11 लाख मीट्रिक टन खाद के मुकाबले मात्र 4 लाख मीट्रिक टन खाद की खरीद की है, जिससे 62% किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ेगा।
कांग्रेस का आरोप: खाद संकट है सरकार प्रायोजित
CG POLITICAL: प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक बयान में कहा कि खरीफ सीजन में छत्तीसगढ़ के किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह विफल रही है। कांग्रेस के अनुसार, “प्रदेश में खरीफ फसलों के लिए हर साल औसतन 11 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद की जरूरत होती है, लेकिन सरकार ने केवल 4 लाख मीट्रिक टन खाद का ही इंतजाम किया है। यह स्पष्ट दर्शाता है कि खाद की कमी को जानबूझकर पैदा किया गया है।”
CG POLITICAL: कांग्रेस ने आगे दावा किया कि इस कमी से 62% खेतों में खाद का उपयोग नहीं हो पाएगा, जिसका सीधा असर धान के उत्पादन पर पड़ेगा। पार्टी ने इसे सरकार की “किसान विरोधी नीति” करार देते हुए कहा कि खाद संकट के जरिए सरकार धान उत्पादन को कम करने की साजिश रच रही है, ताकि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बोझ कम हो सके।
धान उत्पादन पर संकट, किसानों को नुकसान की आशंका
CG POLITICAL: कांग्रेस नेताओं का कहना है कि खाद की कमी से धान की पैदावार में भारी कमी आएगी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होगा। प्रदेश कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा, “छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है। खाद की कमी से फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों प्रभावित होंगी, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा।”
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की इस रणनीति से धान खरीदी की मात्रा कम होगी, जिससे सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कम धान खरीदना पड़ेगा। कांग्रेस ने इसे “किसानों के साथ धोखा” करार दिया है और इस मुद्दे पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
सियासी तकरार और आंदोलन की चेतावनी
CG POLITICAL: कांग्रेस ने खाद संकट को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी का कहना है कि सरकार की नीतियां किसानों को नुकसान पहुंचाने वाली हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाया जाएगा। दूसरी ओर, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को “बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित” बताया है। पार्टी का कहना है कि सरकार किसानों के हित में काम कर रही है और धान खरीदी के लिए 160 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्षों से अधिक है।