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CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION : अरपा नदी की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त, प्रशासन को लगाई फटकार

CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION : High Court strict on the plight of Arpa river, reprimanded the administration

बिलासपुर, 25 मार्च। CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अरपा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन और प्रशासनिक लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने नदी संरक्षण को लेकर प्रशासन के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए कलेक्टर और अन्य अफसरों को कठघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की है।

कलेक्टर की कार्रवाई पर सवाल, “दिखावे के लिए फावड़ा चलाना बंद करें”

CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कलेक्टर द्वारा नदी की सफाई करने पर नाराजगी जताई और कहा, “अगर कलेक्टर को सफाई करनी है, तो वे प्रशासन छोड़ दें और सफाई कर्मचारी बन जाएं। उनका काम नीतिगत निर्णय लेकर अवैध उत्खनन रोकना है, न कि फोटो खिंचवाना।”

अवैध खनन पर रोक नहीं लगी तो अफसरों पर होगी कार्रवाई

कोर्ट ने खनिज विभाग के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा और सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि अरपा नदी में अवैध उत्खनन जारी रहा, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। राज्य सरकार ने अवैध उत्खनन रोकने के लिए 6 सदस्यीय समिति बनाई है, जिसे 30 दिन में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

“मीडिया में तस्वीरें न छपे तो भोजन नहीं पचता?”

CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION कोर्ट ने अधिकारियों की मीडिया पब्लिसिटी पर भी सवाल उठाया और कहा, “यह परंपरा बन गई है कि अफसरों की तस्वीरें न छपे तो भोजन नहीं पचता।” अदालत ने कहा कि सिर्फ मीडिया में फोटो छपवाने और फावड़ा चलाने से नदी का संरक्षण संभव नहीं है।

अरपा के अस्तित्व पर खतरा, जनहित याचिकाओं पर सुनवाई जारी

CG ARPA RIVER HIGHCOURT DECISION गौरतलब है कि बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी लगातार अवैध उत्खनन की चपेट में है। इस मुद्दे पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

 

 

 

 

 

 

 

 

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