CG BREAKING : प्रदेश में एमए छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई, रोजगार योजना नहीं : मुख्यमंत्री

CG BREAKING: MA Chhattisgarhi study in the state, no employment scheme: Chief Minister
रायपुर। छत्तीसगढ़ की दो सरकारी और तीन निजी विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई कराई जा रही है। पिछले पांच सालों में 219 विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। हालांकि, छत्तीसगढ़ी में एमए कर चुके विद्यार्थियों को रोजगार देने के लिए राज्य सरकार के पास कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया का सवाल
विधानसभा में कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा के माध्यम से एमए कोर्स और रोजगार योजनाओं को लेकर सवाल किया था। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में कितने विश्वविद्यालयों में छत्तीसगढ़ी भाषा में एमए (पीजी) कोर्स संचालित हो रहे हैं, कितने विद्यार्थियों ने डिग्री प्राप्त की है, और सरकार की रोजगार योजनाओं की स्थिति क्या है?
एमए छत्तीसगढ़ी कोर्स संचालित विश्वविद्यालय
मुख्यमंत्री के लिखित जवाब के अनुसार, प्रदेश के 2 सरकारी और 3 निजी विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी कोर्स का संचालन हो रहा है:
सरकारी विश्वविद्यालय :
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर : (संचालन वर्ष 2013-14)
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर : (संचालन वर्ष 2022-23)
निजी विश्वविद्यालय :
डॉ. सी. व्ही. रमन विश्वविद्यालय, बिलासपुर : (संचालन वर्ष 2018-19)
आईएसबीएम विश्वविद्यालय, गरियाबंद : (संचालन वर्ष 2017-18)
भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग : (संचालन वर्ष 2024-25)
रोजगार योजनाओं का अभाव
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ी भाषा में मास्टर डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों को रोजगार या नौकरी देने के लिए राज्य सरकार की कोई योजना नहीं है। इसके अलावा, सरकार के पास नौकरी पाने वाले डिग्रीधारी विद्यार्थियों की संख्या का रिकॉर्ड भी नहीं है।
रोजगार के अवसरों की मांग
प्रदेश में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए एमए छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई हो रही है, लेकिन रोजगार के अवसरों की कमी से डिग्रीधारकों में निराशा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को रोजगार के नए अवसरों की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ी भाषा के अध्ययन को प्रोत्साहन मिल सके।