MUKESH CHANDRAKAR POST MORTEM REPORT : 12 साल के करियर में ऐसा केस नहीं देखा’ .. डॉक्टर का बड़ा बयान, पत्रकार की हत्या में मिली क्रूरता की हदें पार करने वाली निशानियां

MUKESH CHANDRAKAR POST MORTEM REPORT: Have not seen such a case in my 12 years of career.. Doctor’s big statement, signs of cruelty crossing the limits found in the murder of a journalist.
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या में क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं. मुकेश चंद्राकर के सिर पर चोट के 15 निशान मिले हैं. इसके अलावा लीवर के चार टुकड़े और पांच पसलियों को तोड़ा गया. इतना ही नहीं उसकी गर्दन टूटी और हार्ट फटा हुआ पाया गया है.
जिस डॉक्टर ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बॉडी का पोस्टमार्टम किया, उन्होंने कहा कि मैंने अपने 12 साल के करियर में ऐसा केस नहीं देखा, जिसकी इतनी बेरहमी से हत्या की गई हो. उन्होंने ये भी दावा किया है कि पत्रकार की हत्या करने वाले दो या दो से ज्यादा हमलावर हैं.
पत्रकार की हत्या का आरोपी हैदराबाद से गिरफ्तार –
मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. एसआईटी ने उसे हैदराबाद से अरेस्ट किया है. बीजापुर के एसपी जितेंद्र सिंह यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है.
3 जनवरी को सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था शव –
बता दें कि मुकेश चंद्राकर का शव तीन जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था. मुकेश एक जनवरी से लापता थे. पुलिस ने मुकेश की तलाश के लिए सुरेश चंद्राकर के घर पर छापा मारा था. जांच के दौरान वहां सेप्टिक टैंक से एक शव बरामद हुआ. शव की हालत काफी खराब थी, लेकिन कपड़ों से उसकी पहचान पत्रकार मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई.
ठेकेदार का करप्शन लाए थे सामने –
पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के करप्शन को उजागर किया था. ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को बस्तर में 120 करोड़ की सड़क बनाने का ठेका मिला था. पत्रकार मुकेश की हत्या की खबर के बाद ठेकेदार के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया था. इसके बाद एक जनवरी से मुकेश चंद्राकर का कुछ भी पता नहीं चल रहा था.
ये भी सामने आया है कि मुकेश को आखिरी बार कॉल ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के भाई रितेश ने मुकेश को कॉल किया था. इसके बाद एक जनवरी से ही मुकेश चंद्राकर का फोन स्विच ऑफ आता रहा. दावा है कि टैंक में शव को डालकर उसके ऊपर प्लास्टर कर दिया गया था, जिसके बाद पुलिस को शक हुआ.