BREAKING : भ्रामक विज्ञापनों पर CCPA का बड़ा ऐक्शन, कोचिंग सेंटरों पर 61.6 लाख रुपये जुर्माना, 1.15 करोड़ की फीस लौटाई
BREAKING: CCPA’s big action on misleading advertisements, fine of Rs 61.6 lakh on coaching centers, fees of Rs 1.15 crore returned
नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 45 कोचिंग सेंटर्स को नोटिस भेजा है। इनमें से 19 कोचिंग संस्थानों पर कुल 61,60,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही, छात्रों की शिकायतों के समाधान के तहत 1.15 करोड़ रुपये की फीस लौटाई गई है।
गृह मंत्रालय द्वारा उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए CCPA ने कोचिंग सेक्टर में झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोचिंग सेंटर्स को भ्रामक दावे करने से मना किया गया है।
उपभोक्ता हितों की रक्षा में CCPA सक्रिय
CCPA को 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक और अनुचित व्यापार व्यवहार पर निगरानी रखना है। हाल ही में CCPA ने UPSC, IIT और अन्य परीक्षाओं के छात्रों की फीस वापसी के मुद्दों पर मिशन मोड में काम करते हुए समाधान सुनिश्चित किया है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से समाधान
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) के जरिये छात्रों और उपभोक्ताओं को मदद पहुंचाई जा रही है। यह 1915 टोल-फ्री नंबर पर 17 भाषाओं में सेवा प्रदान करता है। इसके अलावा, INGRAM पोर्टल, WhatsApp, SMS और ऐप्स के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं।
भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के प्रयास
CCPA ने 13 नवंबर, 2024 को ‘कोचिंग सेक्टर में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024’ जारी किए। इन दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले संस्थानों पर जुर्माना और सख्त कार्रवाई की गई।
छात्रों को राहत: 1.15 करोड़ की फीस वापसी
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन ने कोचिंग सेंटर्स द्वारा फीस न लौटाने के कई मामलों में सफलतापूर्वक हस्तक्षेप किया। इसके तहत प्रभावित छात्रों को 1.15 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाई गई।
आधुनिक उपभोक्ता संरक्षण ढांचा
केंद्र सरकार ने 1986 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को बदलकर 2019 का नया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया। इसके तहत उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए तकनीक और ई-कॉमर्स युग के अनुरूप नई नीतियां बनाई जा रही हैं।