Amit Shah Speech: राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर गरजे गृहमंत्री अमित शाह, कहा -मोहब्बत दुकान से बेचने की चीज नही…
Amit Shah Speech: मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री ने संविधान पर चर्चा का जवाब दिया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र पाताल से भी गहरा है। उन्होंने कहा कि दुनिया सबसे ज्यादा विस्तृत और लिखित संविधान है। दो साल 18 महीने तक विस्तृत चर्चा हुई। शायद ही दुनिया का कोई संविधान होगा जो देश की जनता को कमेंट के लिए दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे देश की जनता और हमारे संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे। आज हम 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।”
राज्यसभा में अमित शाह की बड़ी बातें
अमित शाह ने कहा कि दुनिया सबसे ज्यादा विस्तृत और लिखित संविधान है। दो साल 18 महीने तक विस्तृत चर्चा हुई। शायद ही दुनिया का कोई संविधान होगा जो देश की जनता को कमेंट के लिए दिया गया। अमित शाह ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में हुई बहस देश के युवाओं के लिए शिक्षाप्रद होगी। इससे देश के लोगों को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि किस पार्टी ने संविधान का सम्मान किया है और किसने नहीं। मैं सरदार पटेल को धन्यवाद देता हूं क्योंकि उनके संघर्ष के कारण ही देश दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “हमारे देश की जनता और हमारे संविधान ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है जो कहते थे कि हम कभी आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हो पाएंगे। आज हम 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, हमने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है।” उन्होंने कहा कि आज हम जिस मुकाम पर खड़े हैं, उस मुकाम पर महर्षि अरविंद और स्वामी विवेकानंद की वो भविष्यवाणी सच होती दिखाई पड़ती है कि भारत माता अपनी देदीप्यमान ओजस्वी स्वरूप में जब खड़ी होंगी, तब दुनिया की आंखें चकाचौंध हो जाएगी और पूरी दुनिया रोशनी के साथ भारत की ओर देखेगी।
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कांग्रेस पर जमकर बरसे शाह
भाजपा ने 16 साल तक शासन किया और संविधान में 22 संशोधन किए। इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी ने 55 साल तक शासन किया और 77 संशोधन किए।दोनों पार्टियों ने संविधान में संशोधन किए हैं। संशोधनों को लागू करने के अलग-अलग तरीके हैं- कुछ संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, जबकि अन्य केवल औपचारिकता के तौर पर किए जा सकते हैं। संविधान में संशोधन के पीछे के उद्देश्यों की जांच करके किसी पार्टी के चरित्र और इरादों को समझा जा सकता है।
संविधान की रचना के बाद डॉ अंबेडकर ने बहुत सोच समझकर एक बात कही थी कि कोई संविधान कितना भी अच्छा हो, वह बुरा बन सकता है, अगर जिन पर उसे चलाने की जिम्मेदारी है, वो अच्छे नहीं हों। उसी तरह से कोई भी संविधान कितना भी बुरा हो, वो अच्छा साबित हो सकता है, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो। ये दोनों घटनाएं हमने संविधान के 75 साल के कालखंड में देखी हैं।
कांग्रेस ने किए सबसे ज्यादा संशोधन: शाह
संविधान में पहला संशोधन 18 जून 1951 को हुआ था। संविधान समिति ने यह संशोधन इसलिए किया क्योंकि कांग्रेस पार्टी आम चुनावों का इंतज़ार करने को तैयार नहीं थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 19A जोड़ा गया था और इस बदलाव को जवाहर लाल नेहरू ने लागू किया था, जो उस समय प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कभी भी अपरिवर्तनशील नहीं माना गया। समय के साथ साथ देश भी बदलना चाहिए, समय के साथ साथ कानून भी बदलने चाहिए और समय के साथ साथ समाज भी बदलना चाहिए। परिवर्तन इस जीवन का मंत्र है, सत्य है। इसको हमारे संविधान सभी ने स्वीकार किया था। इसलिए आर्टिकल 368 में संविधान संशोधन के लिए प्रोविजन किया गया था। अभी कुछ राजनेता आए हैं और 54 साल की आयु में अपनेआप को युवा कहते हैं और घूमते रहते हैं कि संविधान बदल देंगे, संविधान बदल देंगे। मैं उनको कहना चाहता हूं कि संविधान के प्रावधानों को बदलने का प्रोविजन आर्टिकल 368 के अंदर संविधान में ही है।
संविधान लहराते किसी को नहीं देखा: शाह
उन्होंने कहा कि अभी हाल में हुए चुनाव में हमने अजीबो-गरीब नजारा देखा। इतने साल चुनाव हुए, लेकिन मैंने आजतक किसी को आम सभाओं में संविधान को लहराते नहीं देखा। संविधान को लहराकर और झूठ बोलकर कुत्सित प्रयास कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किया। संविधान लहराने और बहकाने का मुद्दा नहीं है, संविधान विश्वास है, संविधान श्रद्धा है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि हर गांव में मोहब्बत की दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वाले लोग की भाषण भी हमने बहुत सुने हैं। मोहब्बत दुकान से बेचने की चीज नहीं है, मोहब्बत प्रचार की चीज नहीं है। मोहब्बत दिल में बसाने का जज्बा है, मोहब्बत दूसरों को महसूस कराने का लम्हा है।