Parliament Winter Session: नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र पहले से ही अदाणी और सोरोस जैसे मुद्दों पर गर्माया हुआ था कि अब विपक्ष द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव ने और आंच दे दी है। विपक्ष जहां धनखड़ के विरुद्ध पूरी तरह एकजुट दिखा रहा है, वहीं सत्ता पक्ष मजबूती से सभापति के साथ खड़ा हो गया है। इस तकरार में मंगलवार को कुछ मिनट ही चली राज्यसभा की कार्यवाही में नेता सदन जेपी नड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव को कांग्रेस-सोरोस संबंधों से देश का ध्यान भटकाने का कुत्सित प्रयास बताया तो संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इसे किसान के बेटे और पीठ का अपमान बताते हुए विपक्षी सांसदों पर गंभीर टिप्पणी की कि आप लोग सदन के सदस्य होने के लायक नहीं हैं।
जॉर्ज सोरोस का मुद्दा गूंजा
मंगलवार को राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस का क्या संबंध है? यह देश की आंतरिक-बाह्य सुरक्षा से जुड़ा प्रश्न है। हम दो दिन से इस पक्ष को रख रहे हैं, लेकिन इससे ध्यान भटकाने का कुत्सित प्रयास करते हुए विपक्ष ने पीठ पर आक्षेप लगाया है। यह राष्ट्र का ध्यान बांटने की कोशिश है।
विपक्ष पर बरसे जेपी नड्डा
कांग्रेस पर बाहरी शक्तियों के टूल की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की निंदा की। इससे पहले सदन की कार्यवाही के प्रारंभ में सभापति ने जैसे ही कार्य स्थगन के पांच प्रस्तावों की सूचना दी, वैसे ही सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से अदाणी-सोरोस के नारों का शोरगुल तेज हो गया।
रिजिजू ने विपक्ष को घेरा
इसी बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू खड़े हुए और विपक्षी खेमे पर बरस पड़े। उन्होंने सत्ता पक्ष का रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया कि अगर विपक्षी दल उपराष्ट्रपति के पद और गरिमा पर हमला करेंगे तो हम उनका बचाव करेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की जो भावना है, वो ठीक नहीं है। देश की एकता-अखंडता के लिए सभी सदस्यों को साथ होना चाहिए, लेकिन विपक्ष देश के विरोधियों के साथ तालमेल कर रहा है, इस पर शर्म आनी चाहिए। भारत विरोधियों के साथ खड़े होते हो और चेयरमैन के खिलाफ नोटिस देते हो।
रिजिजू ने इस पर दुख जताया कि 72 वर्ष बाद एक किसान के बेटे ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा का सभापति बनकर सदन की गरिमा को बढ़ाया है, लेकिन विपक्ष ऐसा व्यवहार कर रहा है।
विपक्ष करता रहा नारेबाजी
विपक्ष पर संवैधानिक संस्थाओं और पीठ की गरिमा गिराने का आरोप लगाते हुए संसदीय कार्य मंत्री गंभीर टिप्पणी में विपक्षी सांसदों से कहा कि आप लोग सदन के सदस्य होने के लायक नहीं हैं। साथ ही कहा कि अगर विपक्ष चेयरमैन के खिलाफ कोई काम करेगा तो हम इसे कामयाब नहीं होने देंगे।
इस बीच विपक्ष की ओर से अदाणी का नाम लेकर नारेबाजी की जाती रही और हंगामे के चलते पहले तो कार्यवाही शुरू होने के ठीक 13 मिनट बाद और फिर दूसरी बार मात्र चार मिनट बाद ही गुरुवार तक के लिए सदन स्थगित करना पड़ा।