DHAN KHARIDI BREAKING : प्रदेश में 2 दिसंबर से शुरू होगी धान खरीदी ! जानें किसानों को मिलेगा क्या सुविधा

DHAN KHARIDI BREAKING: Paddy procurement will start in the state from December 2! Know what facilities farmers will get
भोपाल. मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. मोहन सरकार ने आने वाले खरीफ विपणन साल 2024-25 के लिए MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजार की उपार्जन नीति घोषित कर दिया है. 22 नवंबर से ज्वारा और बाजरा की खरीदी की शुरुआत कर दी जाएगी. धान की खरीदी 2 दिसंबर से शुरू होगी. इसे लेकर खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने प्रदेश के कलेक्टर नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन के अफसरों को निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
खाद्य मंत्री ने कहा कि MSP पर धान, ज्वार और बाजरा की उपार्जन नीति घोषित कर दिया है. समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा की 22 नवंबर से और धान की 2 दिसंबर से खरीदी की जाएगी. किसान को अपनी उपज बेचने के लिए उपार्जन केंद्र और दिन तय करने के लिए www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुक करना होगा.
जानें क्या होगी नोडल एजेंसी –
समर्थन मूल्य पर धान, बाजरा और ज्वार की खरीदी के लिए मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन नोडल एजेंसी होगी. विभाग केंद्र और राज्य सरकार की दूसरी एजेंसी या कोई अधिकृत संस्थान को भी उपार्जन की जिम्मेदारी दे सकती है. रखरखाव के लिए मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन नोडल एजेंसी होगी.
जानें किसानों को मिलेगा क्या सुविधा –
किसानों की सुविधा के मुताबिक उपार्जन केन्द्र की जगह तय की जाएगी
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए 40 फीसदी पुराने और 54 फीसदी नए जूट बारदाने उपयोग किए जाएंगे
बारदाने की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी करेगी. ज्वार और बाजरा का उपार्जन नवीन जूट बारदानों में किया जाएगा
उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता से स्थापित किए जाएंगे
समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन नोडल एजेंसी होगी
केंद्र और राज्य सरकार के अन्य एजेंसी और उनसे अधिकृत संस्था को भी उपार्जन एजेंसी घोषित किया जा सकेगा
गड़बड़ियों से बचने के लिए उपार्जित खाद्यान्न का उपार्जन केंद्र से गोदाम तक परिवहन का दायित्व उपार्जन एजेंसी का होगा
धान को उपार्जन केंद्र गोदाम से सीधा मिलर्स तक परिवहन की जिम्मेदारी मिलर्स की ही होगी