JUSTICE SANJIV KHANNA : जस्टिस संजीव खन्ना की कहानी, चार्टेड अकाउंटेंट बनने की योजना से लेकर देश के मुख्य न्यायाधीश तक ..

JUSTICE SANJIV KHANNA: The story of Justice Sanjiv Khanna, from planning to become a chartered accountant to becoming the Chief Justice of the country..
नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। जस्टिस खन्ना 11 नवंबर को सीजेआई के तौर पर शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस संजीव खन्ना की मां सरोज खन्ना लेडी श्रीराम कॉलेज में लेक्चरर थीं, जबकि पिता देवराज खन्ना वकील थे। वो बाद में दिल्ली हाई कोर्ट के जज बने। जस्टिस संजीव खन्ना के मां और पिता उन्हें चार्टेड अकाउंटेंट बनाना चाहते थे। क्योंकि उनका मानना था कि कानूनी पेशे में संघर्ष और मेहनत बहुत है। लेकिन, अपने चाचा और लीजेंड्री जज जस्टिस हंसराज खन्ना से प्रभावित होकर संजीव खन्ना ने वकालत का रास्ता चुना। उसी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने अब देश के सीजेआई बनने का सफर तय किया है।
जस्टिस हंसराज खन्ना ने 1976 में एडीएम, जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला, (1976) के “हैबियस कॉरपस मामले” में एकमात्र असहमतिपूर्ण फैसला सुनाया था। इसके बाद तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने वरिष्ठतम जज जस्टिस हंसराज खन्ना की वरिष्ठता दरकिनार कर जस्टिस एमएच बेग को जनवरी 1977 में देश का चीफ जस्टिस दिया था। जिसके बाद जस्टिस हंसराज खन्ना ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
जस्टिस संजीव खन्ना चाचा को मानते हैं अपना आदर्श
सूत्रों के हवाले से बताया कि संजीव खन्ना हमेशा से ही अपने चाचा जस्टिस एचआर खन्ना को आदर्श मानते रहे। वो उनके कामकाज पर नजर रखते थे। संजीव खन्ना ये बात नोटिस करते थे कि किस तरह जस्टिस एचआर खन्ना न सिर्फ अपने, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों के जूते भी पॉलिश कर देते थे। साथ ही वो अपने कपड़े भी खुद धोते थे।
सूत्रों ने बताया कि जस्टिस खन्ना के न्यायिक कामकाज से प्रभावित संजीव खन्ना ने उनके सारे जजमेंट नोट्स, रजिस्टर वगैरह आज भी संभालकर रखे हैं। वो इन नोट्स को समय-समय पर देखते रहते हैं। जस्टिस खन्ना चाहते हैं कि ये सब नोट्स वो सुप्रीम कोर्ट लाइब्रेरी या म्यूजियम में दे दें।
यह भी सुखद संयोग रहा कि जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में 18 जनवरी 2019 को शपथ लेने के बाद अपना पहला दिन उसी कोर्टरूम- 2 से शुरू किया, जहां से उनके चाचा जस्टिस एच आर खन्ना ने रिटायरमेंट लिया था। इस कोर्ट रूम में जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर भी लगी है।
जस्टिस संजीव खन्ना ने पिछले दो साल से वो इसी कोर्टरूम में वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज होने के नाते अपने चाचा की तस्वीर को प्रणाम कर अदालती कार्रवाई की शुरुआत करते रहे।
जस्टिस संजीव खन्ना कब होंगे रिटायर?
सूत्रों ने यह भी बताया कि जस्टिस संजीव खन्ना ने इस दौरान कभी भी अपने चाचा जस्टिस एचआर खन्ना की तस्वीर के साथ अपनी फोटो नहीं ली। उनके मन में है कि CJI के पद से रिटायर होने से पहले वो उनकी तस्वीर के साथ अपनी फोटो खिंचवाएं। जस्टिस संजीव खन्ना 13 मई 2025 को CJI के पद से सेवानिवृत्त होंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना कौन हैं?
देश के 51वें सीजेआई बनने वाले जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया। यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई। जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। फिर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया।
कितने साल तक दिल्ली हाई कोर्ट के रहे जज?
जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे। साल 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने। जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला। वर्तमान में वो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं।