NARENDRA MODI CABINET : हारने के बावजूद मोदी कैबिनेट में रवनीत सिंह बिट्टू क्यों ?

NARENDRA MODI CABINET: Why is Ravneet Singh Bittu in Modi cabinet despite losing?
नई दिल्ली। एक फायर ब्रांड नेता जो कांग्रेस को पंजाब में बुलंदियों पर ले जा रहा था. उसका अचानक पार्टी से मोह भंग होता है. वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल होते हैं. लुधियाना से चुनाव लड़ते हैं लेकिन मात खा जाते हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता अमरिंदर सिंह राजा वार्रिंग ने लगभग 20 हजार वोटों से हरा दिया. इसके बावजूद नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करने का फैसला किया है.
इनका नाम है रवनीत सिंह बिट्टू. वादा तो अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान ही कर दिया था. लुधियाना की रैली में उन्होंने मंच से ऐलान किया था कि वो जल्दी ही बिट्टू को बड़ा आदमी बनाएंगे. और आज वो मोदी कैबिनेट में शामिल होने जा रहे हैं.
मोदी के साथ चाय पर चर्चा के बाद उन्होंने कहा – पंजाब ड्रग में फंसा हुआ है, उसे खुशहाल बनाना है. सच्ची बात बताऊं तो मैं सोच भी नहीं रहा था कि मंत्री बनने के लिए कॉल आएगी. ये पता था कि बीजेपी ने पंजाब को बहुत सीरियसली लिया है. मेरी जिम्मेवारी है कि मैं हर घर जाकर पंजाब के किसानों को समझाऊंगा. मुझे प्रधानमंत्री ने कहा है, अमित शाह ने ये काम दिया है.
रवनीत सिंह बिट्टू ने अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि एनडीए ने चुनाव के बाद कोई जोड़-तोड़ किया ही नहीं, एनडीए चुनाव लड़ा और जीत गई. उधर कांग्रेस और सारे मिलकर 200 नहीं पहुंच पाए. मेरा दावा है कि अखिलेश, तेजस्वी , ममता सब अलग हो जाएंगे. वो तो आज तक लीडर ऑफ अपोजिशन तय नहीं कर पाए.
रवनीत की पत्नी काफी खुश नजर आ रही थीं. उन्होंने बताया कि लुधियाना से हार के बावजूद भी उम्मीद थी. मां ने न्यूज 18 से कहा कि मेरा बेटा बेअंत सिंह का पोता है जिन्होंने अपने खून से पंजाब को सींचा. मेरा बेटा शानदार मंत्री साबित होगा. पंजाब के सीएम रहे बेअंत सिंह की हत्या आत्मघाती बम विस्फोट में हुई थी.
1995 में 31 अगस्त के दिन सेक्रेटेरियट के पास पंजाब पुलिस के कांस्टेबल दिलावर सिंह ने बेल्ट बम ट्रिगर कर दिया. बलवंत सिंह रजोआना बैक अप मानव बम था जिसे अरेस्ट कर लिया और अभी फांसी की सजा का इतंजार कर रहा है. लोकसभा चुना 2024 से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह की तस्वीर सिख म्यूजियम में रखी और उसे शहीद बताया.