CG BREAKING: Big loss to teachers in Chhattisgarh!
रायपुर। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना नहीं होने का खामियाजा एलबी शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। पहले पुरानी पेंशन योजना में बड़ा नुकसान हुआ और अब मृत्यु उपादान राशि के भुगतान से भी एलबी संवर्ग के शिक्षकों को वंचित होना पड़ रहा है। दरअसल शासकीय सेवा में ये नियम है कि अगर किसी शासकीय कर्मचारी का निधन होता है, तो उपादान की राशि का भुगतान तभी होगा, जब उनकी सेवा अवधि कम से कम 5 साल की होगी।
दरअसल प्रदेश के लाखों शिक्षाकर्मियों का संविलियन 2018 में हुआ, तो पूर्व की तमाम सेवा अवधि को शून्य कर दिया गया। आलम ये हुआ कि पुरानी पेंशन योजना के लिए 10 साल की सेवा शर्त से हजारों शिक्षक OPS के लाभ से वंचित हो गये। वहीं अब मृत्यु उपरांत मिलने वाले उपादान राशि से भी कई शिक्षक को वंचित होना पड़ रहा है। क्योंकि उपादान की राशि भुगतान के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 5 वर्ष की अहर्तादायी सेवा होना अनिवार्य है।
नया मामला बस्तर विकासखंड सामने आया है। शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरसागुड़ा में व्याख्याता के पद पर पदस्थ मुरारी झा का संविलियन 1.7.2018 को हुआ था, लेकिन दुर्भाग्यवश मुरारी झा का निधन 5. सितंबर 2018 को हो गया। जब शिक्षक के परिजनों ने उपादान का राशि के लिए उच्च कार्यालय में आवेदन दिया तो, बस्तर बीईओ की तरफ से बताया गया कि मुरारी झा की सेवा अवधि की गणना सिर्फ 2 माह 5 दिन की हुई थी, जबकि उपादान के लिए 5 साल की सेवा जरूरी है। इसलिए परिजनों को उपादान राशि का भुगतान किया जाना संभव नहीं है।