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PADDY POLITICS IN CG : धान के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने ..

PADDY POLITICS IN CG: BJP-Congress face to face on paddy issue..

रायपुर। भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने चालू खरीफ सत्र से किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने के आदेश पर हर्ष जताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने धान खरीदी के लिए नवगठित विधानसभा के पहले ही सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया है और अपने वादे के मुताबिक धान खरीदी करने पर प्रदेश सरकार पर 11,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के आदेश के बाद अब किसानों को प्रति एकड़ 6,300 रुपये का लाभ होगा। किसानों को उनकी उपज का पूरा भुगतान एकमुश्त होगा और किसानों को हर पंचायत भवन में बैंकों के नकदी आहरण काउंटर स्थापित कर बिना लंबी कतारों के भुगतान किया जाएगा। धान खरीदी से पहले ही बारदानों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश का कृषि बजट छह गुना तक बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 700 किसानों ने आत्महत्या की थी। साथ ही 16 लाख किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित रखा गया था।

अनुपूरक बजट में 3,100 रुपये का प्रविधान नहीं : कांग्रेस

राज्य सरकार से कांग्रेस ने किसानों को धान की कीमत 3,100 रुपये प्रति क्विंटल देने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी यानी किसानों के साथ धोखा है, जो प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद दिखाना शुरू हो गया है।

अनुपुरक बजट में 3,100 रुपये में धान खरीदी के लिए किसी प्रकार से बजट नहीं रखा गया है। सरकार किसानों से वादा अनुसार 3,100 रुपये क्विंटल की दर से धान की खरीदी करने से पीछे हट रही है। चालू खरीफ सीजन में किसानों को धान की कीमत मात्र 2,183 रुपये ही मिलेगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार से किसानों को डबल चोट पहुंच रहा है। एक ओर किसानों को धान की कीमत समर्थन मूल्य से ज्यादा नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के दौरान न्याय योजना के लिए रखी गई चौथी किस्त की राशि भी भाजपा की सरकार डकार कर किसानों के साथ अन्याय कर रही है। धान के बकाया बोनस के नाम से भी प्रदेश के किसानों के साथ छल किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष छह लाख किसानों को ही धान का बकाया बोनस प्राप्त होगा।

 

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