अब गोबर नहीं रहा कचरा या गदंगी, गोबर बेचकर अपने सपनों को पूरा कर रहे किसान, कहा- यह योजना’ सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है
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रायपुर। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजना गोधन न्याय योजना से गौपालकों एवं किसानों के लिए गेमचेंजर साबित हो रही है। यहां के किसान गोबर बेचकर सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अब गोबर बेचकर किसी ने पढ़ाई के लिए लैपटाप खरीदे, किसी ने खेतीबाड़ी के लिए पैसे जुटाए हैं तो किसी ने जमीन खरीदने का सपना पूरा किया।
छत्तीसगढ़ राजय सरकार की विभिन्न योजनाओं से प्रदेश की जनता को फायदा हो रहा है। विशेषकर किसानों और महिलाओं के लिए सीएम भूपेश बघेल ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की, जिससे न सिर्फ उन्हें आर्थिक सहायता मिली, बल्कि वे सामाजिक रूप से भी सबल हुए। इसी तरह से प्रदेश के मुखिया ने गोधन न्याय योजना की शुरुवात की। इसके तहत सरकार किसानों से गोबर खरीदती है। इस शुरू होने से ढेरों गोबर का नुकसान होना रुक गया और किसानों को आर्थिक लाभ भी मिला। इन गोबरों का इस्तेमाल सरकार वर्मी कम्पोस्ट खाद्य और अन्य चीजें बनाने के लिए करती है। इसका कार्यभार उन्होंने महिला स्व सहायता समूह को सौंपा, जिससे ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार का मार्ग मिला।
इस योजना के माध्यम से पशुपालकों एवं किसानों से ₹2 प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद की जाती है। गोधन में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा इस गोबर से जैविक खाद का निर्माण किया जाता है। गोधन की गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन न्याय मिशन की स्थापना की। साथ ही इसकी सफलता की चर्चा पूरे देश में हो रही है। वहीं, छत्तीसगढ़ के पशुपालक और किसानों के लिए गोधन न्याय योजना वरदान साबित हुई है। इसके माध्यम से प्रदेश के लगभग 1,62,497 पशुपालकों को लाभ मिला।
मुख्यमंत्री का किया धनयवाद
वहीं, छत्तीसगढ़ में गोबर अब कचरा या गंदगी नहीं, बल्कि कमाई का जरिया बन चुका है। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजना गोधन न्याय योजना से गौपालकों एवं किसानों के लिए गेमचेंजर साबित हो रही है। यहां के किसान गोबर बेचकर सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अब गोबर बेचकर किसी ने पढ़ाई के लिए लैपटाप खरीदे, किसी ने खेतीबाड़ी के लिए पैसे जुटाए हैं तो किसी ने जमीन खरीदने का सपना पूरा किया। इस योजना की लाभार्थी संतोषी यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का धन्यवाद करते हुए बताया कि, इस योजना से छत्तीसगढ़ के किसानों और महिलाओं का आर्थिक विकास हुआ है। इस योजना के तहत उन्हें रोजगार और आय का जरिया मिला। साथ ही इस योजना से किसानों को दोगुना फायदा हुआ। जिसके लिए उन्होंने सीएम बघेल का धनयवाद किया।
गोबर बेचकर पढाई के लिए जुटाए पैसे
धमतरी जिले के ग्राम पोटियाडीह के यादव परिवार के जीवन शैली में भी बदलाव आया। मोहित राम यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना शुरु होने से पहले घर के मवेशियों के गोबर का कोई हिसाब-किताब नहीं था, न ही गोबर एकत्र करने में कोई खास रुचि थी। गोबर को सिर्फ घुरवा में डाल दिया जाता था। मगर गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने से मवेशियों के गोबर का महत्व बढ़ गया है, अब वे गोबर गौठान में नियमित रूप से बेच रहे हैं और 15 दिवस के भीतर उनके बैंक खाते में पैसे भी आ रहे हैं। जिससे उनकी आमदनी अच्छी हो रही है एवं आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। गोबर बेचकर उस राशि से जमीन खरीदने के सपने को पूरा कर लिया। अब उनकी खुद की जमीन हो गई है।
पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है
किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बनाया है। उनकी दूरदर्शिता और ग्रामीण परिवेश का दावा है कि, मुख्यमंत्री ही उनके तीसरे गांव और गरीबों के आर्थिक विकास के लिए ‘गोधन न्याय योजना’ की तैयारी कर रहे हैं। आज देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की ‘गोधन न्याय योजना’ का एक रोल मॉडल के रूप में पढ़ा और सिखाया जा रहा है। कई अन्य राज्यों की इस योजना पर मुख्यमंत्री से सलाह ले रहे हैं। एक अन्य किसान आसाराम साहू ने कहा कि, मुख्यमंत्री की ‘गोधन न्याय योजना’ सिर्फ एक योजना नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है। मानव और गौ के धार्मिक और कृषि गठबंधन को गांव की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को दिशा देने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश का पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है- किसान के घर जन्मा,छग की मिट्टी में खेला।