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विशेष : जनहितकारी है सीएम भूपेश बघेल की “मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना”, वृक्षारोपण के साथ-साथ आय में बढ़ोतरी का भी है जरिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना जारी की गई है, जिसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ में 1000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य की भूपेश सरकार, लगातार जनता के लिए तत्पर रह के कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार लगातार विभिन्न तरह के योजनाएं ला रही है। ताकि आम जनता इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि कर सके। इसी तरह की जनहितकारी योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना। इस योजना में सभी इक्षुक लोगों को शामिल किया गया है, जो वृक्षारोपण करना चाहते हैं। इस योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर वृक्षारोपण करते हैं, जिसके बदले सरकार, उन्हें 10 हजार प्रति एकड़ देती है। इस योजना के लिए बजट में 100 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है।

दरअसल छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के मुखिया डा. भूपेश बघेल ने ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ लागू की है। इस योजना के तहत, किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है। इस योजना से न सिर्फ वृक्ष उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। साथ ही इस योजना के तहत वन विभाग द्वारा अब तक 20 हजार 296 हितग्राहियों के 31 हजार 100 एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण के लिए, रजिस्ट्रेशन भी किया जा चूका है।

क्या है मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना ?


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर छत्तीसगढ़ गौरव दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना जारी की गई है, जिसके लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इस बजट के साथ छत्तीसगढ़ में 1000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया है। इस योजना को लागू करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट आईटीआई योजना’ के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। यह योजना लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ की जनता के मन में राज्य सरकार के प्रति प्यार और सम्मान की भावना और बहुत अधिक वृद्धि हुई है। वहीं, जनता का मानना है कि, छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार वृद्धि के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे ले जाने का काम भी कर रही है। किसान जो पत्रिका में हर किसी के लिए एक योजना बनाते हैं या यूं कहते हैं कि जो हमारे लिए अन्नदाताओं की तरह काम करते हैं उन्हें समृद्ध बनाने के लिए ही यह योजना जारी की गई है।

कंपनियों के साथ मिलकर मदद करेगी सरकार


इस योजना का उद्देश्य निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहन देना है। इस योजना के तहत किसानों की आय में वृद्धि करना, रोजगार के अवसर को बढ़ाना
और जंगलों पर दबाव कम करना शामिल है। वहीं, 5 एकड़ तक निजी जमीन पर पेड़-पौधे लगाने पर खर्च भूपेश सरकार उठाएगी। इससे अधिक की जमीन पर खेती लिए सरकार की ओर से 50 फीसदी का अनुदान भी दिया दाएगा। पौधों के पेड़ बनने और उन्हें बेचने के लिए लोगों को कम से कम 5 साल का इंतजार करना होगा। इसके लिए भी सरकार, कंपनियों के साथ मिलकर किसानों की मदद करेगी। इस योजना के तहत औषदीय और भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पेड़ो को अधिक महत्त्व दिया जा रहा है। इनमें टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन तथा सफेद चंदन शामिल है।

इन पेड़ो को मिला अधिक महत्त्व


इस योजना के अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे। इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय तथा शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं, वे भी पात्र होंगे। इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे पात्र होंगे। वहीं, इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा। इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मिलिया डूबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आमला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

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