विशेष : ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ के तहत अब तक हजारों स्कूलों का हुआ जीर्णोद्धार, गोबर पेंट का इस्तेमाल कर रोजगार में भी हुई बढ़ोतरी

Special: Under the ‘Chief Minister’s School Jatan Yojana’, thousands of schools have been renovated so far, employment has also increased by using cow dung paint
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप हर विद्यार्थी को सुलभ और सुविधाजनक शिक्षा दी जानी है। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों और विद्यार्थियों से मिले फीडबैक के आधार पर स्कूल भवनों की मरम्मत के अलावा ऐसे स्कूल जहां कमरों की संख्या कम पड़ रही है, वहां नए कक्ष भी बनाने के लिए बजट में प्रविधान किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. भूपेश बघेल, प्रदेश के लिए लगातार कार्य करते हैं। वे जनता के हित और विकास के लिए अक्सर नई योजनाएं लाते रहते हैं, जिनसे जनता की समस्यायों का समाधान हो सके। मुख्यमंत्री की योजनाएं सभी वर्ग के लोगों को राहत दिलाने के लिए होती है। राज्य सरकार द्वारा बच्चे हो या बूढ़े सभी के लिए कुछ न कुछ योजनाएं लाई गई हैं। इन योजनाओं में शिक्षा को भी अहम् स्थान गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली शिक्षा को बेहतर करने के लिए कई योजनाएं लाईं है, जिससे शिक्षा का स्तर बेहतर किया जा सके। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. भूपेश बघेल ने स्कूलों को बेहतर और आकर्षक बनाने व विद्यार्थियों को बेहतर माहौल देने के लिए “मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना” शुरुवात की।
इस योजना के तहत जर्जर-जीर्णोद्धार हो चुके स्कूल भवनों को संवारने का कार्य किया जाता है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल भवनों की मरम्मत करने के लिए योजना बनाई है। बजट में सरकार ने भवनों को संवारने के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रवधान किया था। वहीं, इन स्कूल भवनों की मरम्मत करने के बाद इनकी दीवारों को गोबर पेंट से पोता जाने की बात कही गई। इससे रोजगार के अवसर में भी बढ़ोतरी हुई। गोबर पेंट बनाने वाली महिला स्व सहायता समूहों व गोठानों की आत्मनिर्भरता भी बढ़ी।
बारिश के दिनों में कई स्कूलों की छत से टपकता था पानी –
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. भूपेश बघेल के ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से मिले फीडबैक के आधार पर स्कूल भवनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए एक हजार करोड़ रुपये मंजूरी दी। इसके तहत जर्जर-जीर्णोद्धार हो चुके स्कूल भवनों को संवारने और स्कूल भवनों की मरम्मत करने के लिए किया जाता है। बता दें कि, प्रदेश के 56 हजार सरकारी स्कूलों में 50 प्रतिशत स्कूलों में अतिरिक्त भवन और ज्यादातर में मरम्मत की जरूरत थी। बारिश के दिनों में कई भवनों की छत से पानी भी टपकता है। इस तरह के फीडबैक मिलने के बाद बजट का प्रविधान किया गया। वहीं, इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सितंबर 2022 में 500 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया था। इसके तहत स्कूलों को राशि भी जारी की गई।
पहली बार होगा कि इतनी संख्या में विद्यालयों का किया गया जीर्णोद्धार –
वहीं, इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जानकारी देते हुए बताया कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप हर विद्यार्थी को सुलभ और सुविधाजनक शिक्षा दी जानी है। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों और विद्यार्थियों से मिले फीडबैक के आधार पर स्कूल भवनों की मरम्मत के अलावा ऐसे स्कूल जहां कमरों की संख्या कम पड़ रही है, वहां नए कक्ष भी बनाने के लिए बजट में प्रविधान किया है। यह पहली बार होगा कि इतनी संख्या में विद्यालयों का जीर्णोद्धार किया गया। एक रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, प्रदेश के करीब 20 हजार स्कूल भवनों की मरम्मत करने की जरूरत थी। इनमें ज्यादातर स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं की जरुरत थी। नक्सल प्रभावित इलाकों में नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा आदि इलाकों में नए सिरे से स्कूल भवन बनाने की जरूरत थी। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला के निर्देश पर सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। बजट में स्वीकृति मिलने के बाद मरम्मत का काम शुरू किया गया।
798 शालाओं का हुआ मरम्मत –
इस योजना के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालोद जिले के कुल 798 शालाओं की मरम्मत हेतु 44 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। शिक्षा विभाग के द्वारा उक्त कार्य के लिए प्रथम किस्त की राशि 06 करोड़ 87 लाख रुपये की राशि निर्माण एजेंसी को जारी कर दी गई है। वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी मुकुंद साव ने बताया कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत बालोद जिले में प्रथम चरण में कुल 189 शालाओं में स्कूल शिक्षा विभाग के160 एवं समग्र शिक्षा के 29 शालाओं का पोर्टल में प्रविष्टि का कार्य कराया गया। जिसमें से 160 शालाओें के लिए स्वीकृत राशि 07 करोड़ 68 लाख 35 हजार का 27.12 प्रतिशत राशि अर्थात 02 करोड़ 08 लाख रुपये की राशि जारी किया गया। जिसका निर्माण एजेंसी कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग बालोद को बनाया गया है। 16़0 शालाओं की प्रशासकीय स्वीकृति उक्त निर्माण एजेंसी को उपलब्ध करा दी गई है। इसके साथ ही प्रथम चरण का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने बताया कि बालोद जिले के द्वितीय चरण में पोर्टल में प्रविष्ट शालाओं में से 638 शालाओं के लिए शिक्षा विभाग से 36 करोड़ 91 लाख 73 हजार रुपये का 12.97 प्रतिशत राशि अर्थात् 4 करोड़ 79 लाख की प्रथम किस्त की राशि प्राप्त हुई है। जिसमें से 305 शालाओं के लिए कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग बालोद एवं 333 शालाओं के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालोद को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग बालोद को 305 शालाओं की प्रशासकीय स्वीकृति एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालोद को 333 शालाओें की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का किया आभार –
वहीं, इस योजना के तहत बिलासपुर जिले में 74 करोड़ 74 लाख 59 हजार रूपए की लागत से 1365 स्कूलों का कायाकल्प किया गया। इन स्कूलों में छतों को सुधारने का काम, पॉलिश, दीवारों में रंगरोगन, शौचालयों की मरम्मत के साथ साज-सज्जा का कार्य किया गया। स्कूल भवनों की पुताई का काम प्राकृतिक गोबर पेंट से किया गया। इससे स्कूल भवन देखने में काफी आकर्षक लग रहे है। वहीं, जिन स्कूलों में मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। वे बिल्कुल नये स्वरूप में नजर आ रहे है। इन स्कूल के बच्चों को बेहतर परिवेश में पढ़ने की सुविधा मिलेगी। जिन स्कूलों में मरम्मत कार्य पूर्ण हो चुका है, वहां के ग्रामीण मुख्यमंत्री डॉ. भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि, इस योजना से बच्चों को बेहतर स्कूल भवन मिलेगा और वे अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे।