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CG BIG NEWS : मानसून की देरी से किसानों की चिंता बढ़ी, सीएम ने कहा – घबराने की जरूरत नहीं

CG BIG NEWS: The delay in monsoon has increased the concern of the farmers, CM said – no need to panic

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में मानसून की देरी राज्‍य के लोगों के साथ किसानों की चिंता बढ़ गई है। इसी बीच मानसून की देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बारिश में देरी ने किसानों की चिंता जरूर बढ़ाई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। इस वर्ष बारिश में विलंब हो रहा है, लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में अच्छी बारिश होगी और फसल भी भरपूर होगी। छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हर तरह की तैयारी रखें। किसानों को खेती-किसानी के काम में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। सीएम बघेल ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि अंतरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था।

गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 12.72 करोड़ लाख रुपये का भुगतान किया गया। योजना के तहत एक जून से 15 जून तक गौठानों में पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.40 लाख क्विंटल गोबर के एवज में चार करोड़ 79 लाख रुपये का आनलाइन अंतरण किया।

इसी तरह गौठान समितियों को 4.67 करोड़ रुपये और महिला समूहों को 3.26 करोड़ रुपये की लाभांश राशि का भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर खरीदी में स्वावलंबी गोठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक बढ़ी है। गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 488 करोड़ 67 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

महिला स्व-सहायता समूह भी आगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 15 जून 2023 तक गौठानों में 121.04 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। इसके एवज में गोबर विक्रेताओं को 242 करोड़ सात लाख रुपये का भुगतान किया गया है। इसी तरह गोठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 231 करोड़ 53 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। स्वावलंबी गोठानों द्वारा क्रय किए गए गोबर के एवज में अब तक 61.69 करोड़ रुपये का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।

जैविक खेती की ओर बढ़ रहा किसानों का रूझान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ रहा है। इसमें गोधन न्याय योजना का भी प्रमुख योगदान है। योजना के तहत खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला समूहों द्वारा 35 लाख छह हजार क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया, जिसमें से लगभग 16 लाख 56 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किसान अपनी खेतों में कर चुके हैं। राज्य के 7300 गोठानों में छह लाख 34 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार है। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट की आपूर्ति निरंतर होती रहेगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

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