नई दिल्ली । मोदी सरनेम विवाद में फंसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परेशानी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। सूरत की सेशंस कोर्ट ने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील खारिज कर दी है। राहुल ने सीजेएम कोर्ट से मिली दो साल की सजा को सेशंस अदालत में चुनौती दी थी। हालांकि, राहुल के अरमानों पर सेशंस अदालत ने पानी फेर दिया। उनकी दो साल की सजा को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया। राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के बाद उन पर जेल जाने की तलवार लटकने लगी है।
राहुल गांधी के पास अब सिर्फ तीन ही दिन का समय है। उनकी जमानत की मियाद 23 अप्रैल को खत्म हो रही है। दरअसल, अदालत ने राहुल गांधी को 23 मार्च को सजा सुनाई थी। अदालत ने राहुल की सजा को 30 दिन के लिए निंलिबत रखा और जमानत दे दी थी। ऐसे में राहुल गांधी के पास अदालत से राहत पाने के लिए कुछ ही घंटे का वक्त है।
राहुल के पास क्या विकल्प हैं?
निचली अदालत से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की अपील सेशंस कोर्ट से भी खारिज हो गई है। लिहाजा, राहुल को अब हाईकोर्ट का रुख करना होगा। अगर होईकोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिलती है तो राहुल को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करनी होगी।
राहुल गांधी को 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई गई थी। सजा सुनाने के साथ ही अदालत ने उन्हें सेशंस कोर्ट जाने के लिए 30 दिन का वक्त दिया था। राहुल को अगर 23 अप्रैल तक राहत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान मोदी सरनेम पर विवादित बयान दिया था। राहुल ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? इसको लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर हुआ था।