
BREAKING: Elon Musk changed the picture of Twitter …
शेयर के रेट से 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया था. लेकिन तब स्पैम और फेक अकाउंट्स की वजह से उन्होंने उस डील को ही होल्ड पर रख दिया था. हालांकि, मस्क इस डील से पीछे हटने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद उन्होंने इस डील को तय समय पर पूरा किया.
डील के बाद सीईओ पराग अग्रवाल की छुट्टी
ट्विटर डील के बाद से ही ट्विटर में लगातार बदलाव हो रहे हैं. उन्होंने ट्विटर डील करते ही कंपनी से CEO पराग अग्रवाल समेत कई बड़े अधिकारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया था. इसके बाद उन्होंने बड़ी संख्या में कर्मचारियों को नौकरी से निकाला और बचे हुए कर्मचारियों को ज्यादा काम करने लिए कहा.
कंपनी के मैनेजमेंट में हुए बदलाव का असर Twitter India पर भी पड़ा. पहले तो मस्क ने भारत में काम कर रहे लगभग 90 परसेंट ट्विटर कर्मचारियों को निकाल दिया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली और मुंबई में अपने ऑफिस भी बंद कर दिए. सिर्फ बेंगलुरु में ट्विटर का ऑफिस चलाने का फैसला किया गया था.
पराग अग्रवाल को क्यों निकाला?
मस्क ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल और CFO नेड सेगल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था. जब ट्विटर के साथ एलन मस्क की डील पूरी हुई, तब अग्रवाल और सेगल दफ्तर में ही मौजूद थे. इसके बाद उन्हें दफ्तर से बाहर कर दिया गया. हालांकि, इसे लेकर ट्विटर, एलन मस्क या किसी अधिकारी की ओर से कोई बयान नहीं आया.
मस्क ने ब्लू टिक के लिए शुरू की पेड सर्विस
ट्विटर के मालिक बनने के बाद एलॉन मस्क ने सबसे बड़ा बदलाव करते हुए ब्लू टिक के लिए ट्विटर ब्लू नाम से पेड सर्विस शुरू की. जिसके बाद अब यूजर्स 8 डॉलर के मंथली खर्च पर ब्लू टिक वेरिफिकेशन खरीद सकते हैं. बताया गया था कि ट्विटर सैन फ्रांसिस्को और लंदन स्थित ऑफिस का रेंट भी नहीं भर पाई थी. इसकी वजह से कई कॉन्ट्रैक्टर्स ने कंपनी पर केस भी किया. कंपनी काफी समय से नुकसान में ऑपरेट कर रही है. इन्हीं सब खर्चों को देखते हुए मस्क ने पेड सर्विस शुरू की. साथ ही कर्मचारियों की छटनी भी की. ट्विटर पर अलग-अलग कलर के टिक दिए गए हैं. कंपनी के लिए गोल्ड चेकमार्क दिया गया है, जबकि सरकार के लिए ग्रे चेकमार्क दिया गया है. वहीं इंडीविजुअल के लिए अभी भी ब्लू टिक ही दिया जा रहा है.
Twitter Blue पर मिल रहे ये फीचर
ट्विटर ब्लू सब्सक्रिप्शन के साथ यूजर्स को ब्लू चेकमार्क या टिक दिया जाता है. इसके साथ यूजर्स को ट्वीट एडिट करने का ऑप्शन, 1080p वीडियो में वीडियो अपलोड करने का और रीडर मोड का एक्सेस मिल सकता है. -ट्विटर यूजर्स को कम ऐड देखने को मिल रहे हैं. वेरिफाइड यूजर्स के ट्वीट को रिप्लाई और ट्वीट में भी प्रॉयोरिटी मिलने का दावा कंपनी ने किया है. ये सर्विस लेने वाले यूजर्स 4000 अक्षरों तक के ट्वीट को पोस्ट कर सकते हैं.
एलॉन ने क्यों खरीदा ट्विटर
एलॉन मस्क ने ट्विटर डील के बाद एक ट्वीट में इसका खुलासा किया था. उन्होंने लिखा कि उन्होंने ट्विटर को इसलिए खरीदा है ताकि हमारी आने वाली सभ्यता के पास एक कॉमन डिजिटल स्पेस हो, जहां विभिन्न विचारधारा और विश्वास के लोग किसी भी तरह की हिंसा के बिना स्वस्थ चर्चा कर सकें. यहां पर अभी एक बड़ा खतरा सामने है कि सोशल मीडिया (Social Media) कट्टर दक्षिणपंथ और कट्टर वामपंथ के बीच में बंट जाएगा और हमारी सोसाइटी में और नफरत फैलाएगा. ज्यादा क्लिक की चाह में अधिकतर ट्रेडिशनल संस्थानों ने इसे हवा दी है, लेकिन ऐसा करने से संवाद का मौका कहीं खो गया है. इसे साथ ही मस्क ने कहा कि ट्विटर सबसे सम्मानित एडवर्टाइजिंग प्लेटफॉर्म बनना चाहता है.
एलॉन मस्क ने आगे कहा कि ट्विटर के साथ डील (Elon Musk-Twitter Deal) इसलिए पैसा कमाने के लिए नहीं की है. मैंने यह सौदा मानवता के लिए यह किया है, जिससे मुझे प्यार है. मैं यह पूरी विनम्रता के साथ कर रहा हूं क्योंकि ऐसे लक्ष्य को हासिल करने में असफलता मिले, ऐसा संभव है, ये मानकर चलना चाहिए.
कैसे-कैसे शुरू हुआ था Twitter Deal का पूरा खेल?
– ट्विटर डील की शुरुआत पिछले साल अप्रैल में हुई थी. 4 अप्रैल को एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके साथ ही वो कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर बन गए.
– मस्क की हिस्सेदारी को देखते हुए कंपनी ने उन्हें बोर्ड मेंबर में शामिल होने के लिए इनवाइट किया था. मस्क ने बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उन्होंने 54.2 डॉलर प्रति शेयर के भाव से 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने का ऑफर दिया.
– शुरुआत में कंपनी ने इस ऑफर को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन कुछ दिनों बाद शेयरहोल्डर इस डील के लिए तैयार हो गए थे. पिछले साल मई महीने में Twitter ने अपनी फाइलिंग में बताया कि प्लेटफॉर्म पर बॉट्स की संख्या सिर्फ 5 परसेंट है. इस पर ही मस्क और पराग अग्रवाल के बीच विवाद शुरू हुआ था.
– 13 मई को मस्क ने डील को होल्ड कर दिया. 16 मई को मस्क और पराग अग्रवाल के बीच बॉट अकाउंट्स को लेकर बहस हुई. इसके बाद 17 मई को मस्क ने डील होल्ड करने की धमकी दी.
– 8 जुलाई को मस्क डील के पीछे हट गए. 12 जुलाई को ट्विटर ने मस्क पर केस किया. इसके बाद कुछ दिनों तक मस्क और ट्विटर के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. 4 अक्टूबर को मस्क ने यू-टर्न लेते हुए एक बार फिर डील को पूरा करने का ऑफर दिया. 27 अक्टूबर को डील फाइनल कर ली गई.