ओपीजेयू में विश्व मृदा दिवस पर ‘बेहतर भविष्य के लिए मिट्टी बचाओ’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन
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रायगढ़, 5 दिसंबर 2022। ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ में विश्व मृदा दिवस पर ‘बेहतर भविष्य के लिए मिट्टी बचाओ’ (‘सेव सॉइल फॉर बेटर फ्यूचर”‘) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) इकाई, स्कूल ऑफ़ साइंस और इंटरनल क्वालिटी अस्योरैंस सेल (IQAC) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘बेहतर भविष्य के लिए मिट्टी बचाओ’ कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों और प्राध्यापकों में मिट्टी और धरती को बचाने के लिए एक वैश्विक जागरुकता लाने का प्रयास करना था। इस कार्यशाला के प्रमुख वक्ता ईशा फाउंडेशन के स्वयंसेवक आदर्श अग्रवाल एवं अभिजीत सिंह थे।
कार्यशाला का आरम्भ अतिथियों के स्वागत और छात्रा मौसमी शर्मा के स्वागत भाषण के साथ हुआ। ओपीजेयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ मदुसूदन राव् ने अपने उद्बोधन में जीवन में मिटटी के महत्त्व को रेखांकित करते हुए कहा की विभिन्न तरह के रासायनिक पदार्थों आदि का खेती में उपयोग के कारण मृदा बीमार होती जा रही है जिसका प्रभाव न केवल अनाज के उत्पादन बल्कि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, साथ ही साथ रेगिस्तान के फैलाव की आशंका बढ़ती जा रही है। इसीलिए आवश्यक है की हम सभी पानी की तरह मृदा के संरक्षण पर भी ध्यान दें और रासायनिक पदार्थों का उपयोग न करें। अपने कार्यशाला सत्र के दौरान श्री आदर्श अग्रवाल और श्री अभिजीत सिंह ने ऑडियो -विजुअल प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मृदा के बारे में जानकारी प्रदान किया। उन्होंने बताया की मिट्टी बचाओ, मिट्टी और धरती को बचाने के लिए एक वैश्विक जागरुकता अभियान है और इस अभियान का उद्देश्य दुनिया भर में 3.5 अरब से अधिक लोगों के समर्थन के साथ सरकारों को नीतिगत स्तर पर निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना है। मिट्टी बचाओ सद्गुरु द्वारा शुरू किया गया एक वैश्विक अभियान है, जो मिट्टी के संकट को दूर करने के लिए दुनिया भर के लोगों को एकजुट कर रहा है। यह अभियान, खेती की मिट्टी में जैविक (ऑर्गेनिक) सामग्री को बढ़ाने के लिए सभी देशों के नेताओं को राष्ट्रीय नीतियां बनाने और कार्रवाई करने में मदद कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने सभी से इस अभियान के साथ जुड़ने, स्वयं मृदा के लिए कार्य करने तथा लोगों तक इस अभियान को पहुंचाने की अपील की। उन्होंने मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं, मिट्टी में जो जीव रहते हैं उन्हें कैसे बचाएं, मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें तथा भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करे आदि विषयों पर बात किया और गहन जानकारी सभी प्रतिभागियों के साथ साझा किया।
‘बेहतर भविष्य के लिए मिट्टी बचाओ’ विषय पर कार्यशाला के आयोजन के लिए विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने आयोजकों को बधाई दिया और कहा की वर्त्तमान परिस्थितियों में मृदा के संरक्षण के लिए प्रयास किया जाना आवश्यक है और इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोअनुराग विजयवर्गीय ने भी कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए बधाई प्रेषित किया। कार्यशाला में 60 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम के अंत में एमबीए की छात्रा प्रिया सिंह ने सभी अतिथियों, स्कूल ऑफ़ साइंस के असोसिएट डीन डॉ गिरीश चंद्र मिश्रा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ मदुसूदन राव्, कार्यक्रम संयोजक डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ स्वाति वर्मा, डॉ कविता पटेल, प्रो. प्रिंसी दीवान, बृजेश संगौत्रा, कु. मौसमी शर्मा, मनीष गुप्ता, तिगनांशु, सौम्य मित्तल, तनूजा एवं अन्य सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सञ्चालन कु. सोनाली गुप्ता एवं प्रिया सिंह ने किया।