CG BREAKING : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से एक नाबालिग छात्रा रहस्यमयी ढंग से लापता, आदिवासी बच्ची के गुम होने से हड़कंप
A minor girl student mysteriously missing from Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya, stirred up by the disappearance of tribal girl
जगदलपुर। जिले के टाकरागुडा गांव में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से एक नाबालिग छात्रा रहस्यमयी ढंग से लापता होने से हड़कंप मची है। थाने में परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस भी जांच में जुटी है, लेकिन इस तरह की घटना होने से बालिका विद्यालय की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। परिजनों और आम लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है।
परिजनों के बताये अनुसार सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची जो दीपावली की छुट्टी में घर गई हुई थी। छुट्टी खत्म होने के बाद वे 30 अक्टूबर को शाम चार बजे बच्ची को विद्यालय में छोड़ कर चले गए, उसके बाद से बच्ची आवासीय विद्यालय से लापता हो गई। परिजनों ने विद्यालय की वार्डन पर आरोप लगते हुए कहा है कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अव्यवस्था का आलम है, यहां लगे सीसी टीवी बीते तीन महीनों से बंद है। वहीं जब विद्यालय में नगर सैनिक की तैनाती है, तब विद्यालय से बच्ची कैसे लापता हो गई? उन्होंने यह भी कहा की मंगलवार तक दो दिन बीत गया, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला की आखिर बच्ची गई कहा।
कहां गई बच्ची बताए वार्डन –
वहीं विद्यालय के वार्डन ने कहा की जब से बच्ची के परिजन विद्यालय में छोड़े है तब से बच्ची परेशान थी, लेकिन विद्यालय से बच्ची कहा चली गई ये किसी को पता नहीं चला। इससे साबित होता है कि विद्यालय की वार्डन वहां अध्ययनरत बच्चों के प्रति कितनी गंभीर है। बच्ची की मौसी सोनल सिंह ने भी वार्डन के खिलाफ आवाज उठाया है।
विद्यालय में नगर सैनिक की है तैनाती –
विदित हो कि प्रदेश सरकार ने आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली बच्चियों को माकूल सुरक्षा की व्यवस्था की है, बावजूद इस तरह की घटना सामने आने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। जब विद्यालय में वार्डन के अलावा नगर सैनिक की डयूटी है, ऐसे में विद्यालय से बच्ची लापता कैसे हुई, जिसकी किसी को जानकारी नहीं है। वहीं सुरक्षा के लिए जो सीसी टीवी कैमरा लगाये गए थे, वह भी तीन महीने से खराब है। इस पर किसी का कोई ध्यान क्यों नहीं है, जो बड़ा सवाल है। इस संबंध में राजीव गांधी शिक्षा मिशन के गणेश तिवारी ने भी इसे बड़ी लापरवाही बताया है।