
रायपुर। इस साल रूप चौदस और दीपावली पर्व एक ही दिन मनाया जाएगा। सुबह रूप चतुर्दशी पर उबटन लगाकर स्नान करने की परंपरा निभाएंगे। शाम को अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है, दूसरे दिन सूर्य ग्रहण होने से रूप चौदस और अमावस्या के संयोग में ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार इस बार अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। दो दिन अमावस्या तिथि होने से सूर्य ग्रहण की पूर्व संध्या पर सोमवार को महालक्ष्मी पूजा कर दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। इसके अगले दिन मंगलवार को सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पूर्व सुबह से सूतक लगेगा। इस दौरान देव प्रतिमाओं का स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के पश्चात गंगाजल छिड़ककर देवस्थल को शुद्ध कर लेने के पश्चात ही प्रतिमाओं को स्पर्श करना चाहिए।
ग्रहण कब से कब तक-
सूतक प्रारंभ – सुबह – 5.51 बजे से
ग्रहण स्पर्श – शाम – 4.51 बजे से
ग्रहण मोक्ष – शाम – 5.29 बजे