महिला आयोग की अध्यक्ष बोलीं- शराब की ऑनलाइन डिलिवरी करा सरकार घरेलु हिंसा को दे रही बढ़ावा
रायपुर। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आज रायपुर में प्रेससवार्ता में कहा- छत्तीसगढ़ से जुड़े 146 केस में पुलिस जवाब नहीं दे रही थी। इसके अलावा 10 केस में आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान में लिए मामले थे। कहा की छत्तीसगढ़ में कई केस पेंडिंग थे जिसका जवाब पुलिस नही दे रही थी, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा ।
पुलिस विभाग को लिया घेरे में
DGP से बातचीत में पता चला कि छत्तीसगढ़ राज्य में सब कुछ ठीक हैं, यहां पुलिस की जरूरत है ही नहीं, महिला आयोग में काफी सीरियस मैटर में केस आता है पुलिस की भूमिका होती है कि उसको आप ठंडे बस्ते में डाल दे और इसका जवाब ना दे इसलिए मुझे यहां आना पड़ा। उन्होंने ड्रग्स को लेकर कहा कि – ड्रग्स के लिए छत्तीसगढ़ सेफ कॉरिडोर माना जाता हैं, छत्तीसगढ़ में ड्रग्स का सेल बढ़ गया है। मैंने डीजीपी से मुलाकात की तो उन्होंने कहा की- यहां कॉरिडोर है यहां से ड्रग्स जाता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा की वे 10 मामलों को लेकर छत्तीसगढ़ आई हैं लेकिन वे डीजीपी से मिली, तो उन्होंने कहा, ऑल इज वेल…जैसे यहां कोई समस्या ही नहीं है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने पुलिस पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा की- घरेलू हिंसा में जरूरी धारा नहीं लगाई जा रही है, बल्कि सुलह करा दी जा रही है। जिन मामलों में समझौता नहीं होना चाहिए, ऐसे मामलो में भी पुलिस समझौता करा देती है।
शराब को लेकर सीएम पर किया तीखा प्रहार
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने आगे कहा- छत्तीसगढ़ में घरेलू हिंसा का मुख्य कारण शराब है। उन्होंने ने कहा की- मुख्यमंत्री ने अपने मेनिफेस्टो में यह कहा था कि राज्य को नशा मुक्त करेंगे, लेकिन उन्होंने तो घरों से ही ऑनलाइन शराब ऑर्डर करने की फैसिलिटी दे दी। इसमें महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, इसलिए घरेलू हिंसा के मामले छत्तीसगढ़ में और भी ज्यादा बढ़े हैं।
सरकार करा रही शराब की ऑनलाइन डिलिवरी
उन्होंने कहा- यहां सरकार शराब की ऑनलाइन डिलिवरी करा रही है। इससे नशाखोरी की प्रवृति बढ़ी है। ड्रग्स के मामले भी बढ़े, यहां उड़ता पंजाब की तरह अब उड़ता छत्तीसगढ़ हो रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बिल्किस बानो के मामले में रेप के आरोपियों के रिहा करने पर कहा- गुजरात में बिल्किस बानों मामले में 11 बलात्कारियों को रिहा करने पर हम कुछ नहीं कर सकते थे। कोर्ट के आदेश के आगे हम मजबूर थे। लेकिन जिन लोगों ने आरोपियों का स्वागत किया, वह गलत था, मैं सार्वजनिक रूप से उसकी निंदा करती हूं।