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CG HIGH COURT INITIATIVE : हिंदी को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की पहल, अब फैसलों की कापी हिंदी में भी ..

CG HIGH COURT INITIATIVE: Chhattisgarh High Court’s initiative to promote Hindi, now copy of decisions in Hindi also..

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट हिंदी को बढ़वा देने की पहल करते हुए अब फैसलों की कापी हिंदी में भी दे रहा है। हाई कोर्ट ने दो मामलों की सुनवाई के दौरान पाया कि अंग्रेजी में मिले कोर्ट के फैसले के कारण असमंजस की स्थिति बन रही है। इसे देखते हुए याचिकाकर्ता या पक्षकार की मांग पर आदेश की कापी हिंदी में दी जा रही है। इसके लिए एक अनुवादक की भी नियुक्ति की गई है। याचिकाकर्ता या पक्षकार को इसके लिए 10 रूपया प्रति कापी शुल्क देना पड़ता हैं।

हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अनूठी योजना की शुरुआत की है। मामले की सुनवाई के बाद आमतौर पर हाईकोर्ट में फैसले अंग्रेजी में ही जारी किए जाते हैं। अंग्रेजी में फैसला जारी होने के चलते अधिकांश लोग समझ नहीं पाते हैं।

याचिकाकर्ता व पक्षकार भी पूरी तरह अपने अधिवक्ताओं पर निर्भर रहते हैं। छत्तीसगढ़ का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण इलाकों से संबंधित है। दूरस्थ वनांचल होने के कारण आदिवासी व वनवासियों की संख्या भी बहुतायत में है। इस बात का ख्याल भी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को है। हिंदी भाषी राज्य होने के कारण व हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाई कोर्ट ने एक अच्छी पहल की है।

चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना के जरिए या व्यवस्था बनाई है कि हाई कोर्ट के फैसले की अंग्रेजी में दी जाने वाली अगर हिंदी में चाहिए तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। हाई कोर्ट की इस पहल का लाभ अभी अब छत्तीसगढ़ के उन याचिकाकर्ता व पक्षकारों को मिल रहा है जिनको इसकी बेहद जरूरत है।

अंग्रेजी में दिए जाने वाले फैसले को हिंदी अनुवाद में हासिल करने के लिए रजिस्ट्री में आवेदन करना पड़ता है। आवेदन के बाद अंग्रेजी में दिए गए फैसले के पेजों की गिनती की जाती है और हिंदी अनुवाद के एवज में प्रति पेज 10 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी के आधार पर फैसले की कापी दी जा रही है।

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