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फूटी हसदेव बांगो परियोजना की नहर, तीन बस्तियां डूबीं, लोगों को किया गया शिफ्ट

​​​​​​​कोरबा: हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर अब बुधवार सुबह कोरबा में फूट गई। इसके चलते तीन बस्तियां डूब गईं। जानकारी के मुताबिक, कोरबा के सीतामढ़ी होकर हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर निकलती है। यहीं से आगे नहर जांजगीर, सक्ती होते हुए रायगढ़ जाती है। इस नहर से धान की खरीफ फसल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। इसी दौरान सुबह करीब 5 बजे नहर का तटबंध फूट गया। इसके चलते तेजी से पानी बाहर आया और आसपास की निचली बस्तियों में भरना शुरू हो गया। उस दौरान लोग अपने घरों में सो रहे थे। अचानक घरों में पानी घुसने पर लोगों की नींद खुली तो हड़बड़ा कर बाहर निकले। आनन-फानन में नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और लोगों को बाहर निकाल सामुदायिक केंद्र में शिफ्ट किया गया है।

घरों में पानी घुसने से लोगों का सारा सामान और राशन बर्बाद हो गया। इसके बाद नहर में पानी सप्लाई बंद कर दी गई है। इसके चलते रायगढ़, जांजगीर, सक्ती में सिंचाईं के लिए पानी पहुंचना बंद हो गया है। दो दिन पहले जांजगीर में भी यही नहर फूटी थी। बस्ती में हर ओर पानी देख हड़कंप मच गया। इससे इमलीडुग्गू, बंसोड़ मोहल्ला और खंडाला बस्ती डूब चुके थे। मोहल्लों में 4 से 5 फीट तक पानी भरा था। इसकी चपेट में 40 से 45 मकान आए हैं। सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और करीब 2 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। जो जितना अपना सामान घरों से निकाल सकता था, लेकर बाहर आया। सभी को सामुदायिक केंद्र में ले जाया गया है। वहां निगम और प्रशासन की टीम लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था कर रही है।

नहर फूटने के चलते वहां से मछलियां निकल कर सड़क पर आने लगीं। इसके बाद वहां से निकल रहे लोग मछलियां पकड़ने में लग गए। थोड़ी ही देर में सड़क पर जाम लग गया। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों और अफसरों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। काफी कोशिश के बाद भी लोग नहीं हटे तो पुलिस ने लाठियां चलाकर लोगों को वहां से खदेड़ा। फिलहाल नहर में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है। इसका असर रायगढ़ और जांजगीर में भी देखने को मिलेगा। पानी बंद होने से एक बार फिर किसान प्रभावित होंगे।

बताया जा रहा है कि नहर का पानी उसके ऊपर निर्मित पुल के पिलर से टकराकर ऊपर की ओर बह रहा था। भिलाई खुर्द से आगे पानी नहीं जा रहा था। इसी के चलते पानी नीचे की बस्तियों में पहुंच गया। कोतवाली पुलिस के साथ ही SDM और अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। SDM ने मामले की जांच कराने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि नहर फूटने की घटना अप्रत्याशित है। इसे जांचा जाएगा कि निर्माण कार्य या मेंटेनेंस में कहीं गड़बड़ी तो नहीं हुई। फिलहाल पहली प्राथमिकता लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की है।

दो दिन पहले सोमवार तड़के जांजगीर-चांपा में भी हसदेव बांगो परियोजना की मुख्य नहर फूट गई थी। इससे करीब 2 किमी के दायरे में पानी भर गया। खेत में खड़ी 100 एकड़ से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई। हादसे के समय पूरा गांव सो रहा था। करीब 7 दिन पहले ही किसानों ने नहर से पानी रिसने की शिकायत की थी, लेकिन अफसर-कर्मचारियों ने अनसुना कर दिया। सरपंच ने इसके लिए प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग भी उठाई है। फिलहाल वहां भी अफसरों ने नहर फूटने की जांच कराने की बात कही है।

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