
सुकमा। नक्सलियों के कोन्टा एरिया कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर 17 जूलाई को विराभट्टी एवं 21 जुलाई को पोलमपल्ली में बीते एक सप्ताह में 2 ग्रामीणों की हत्या करना स्वीकारा किया है। नक्सलियों द्वारा रणनीति के तहत ग्रामीणों की हत्या करने के बाद बकायदा प्रेस नोट जारी कर उनके द्वारा हत्या किया जाना स्वीकारना नक्सलवाद के दहशत के साम्राज्य को बनाये रखने मात्र के लिए निर्दोष ग्रामीणों की हत्या तब होता रहेगा जब तक नक्सलवाद बस्तर से समाप्त न हो जाये।
नक्सलियों द्वारा जारी प्रेस नोट में नक्सलियों ने लिखा है कि 17 जुलाई को बीराभट्टी निवासी मड़कम हन्दा पुलिस मुखबिर होने की वजह से नक्सल संगठन के खिलाफ कार्य करते हुए पुलिस को जानकारी देकर नक्सल संगठन के कार्यकर्ताओं को नुकसान करते आ रहा था। हंदा को कई बार पुलिस मुखबिरी काम नहीं करने समझाइस देने की बात लिखी गई है, 21 जुलाई को पोलमपल्ली निवासी मड़कम जोगा 2005 में सलवा जूडूम के समय से नक्सलियों के विरोध में काम कर रहा था। जोगा के दूकान में आम जनता दैनिक उपयोग का सामान खरीदने से नक्सलियों का सामान खरीद कर ले जाने का शक हमेशा करता था। नक्सली संगठन की ओर से मौखिक एवं लेटर के माध्यम से भी समझाइस दी गई थी, लेकिन जोगा समझाइस के बाद भी नक्सली संगठन के बारे में पुलिस को जानकारी देता था जिसके चलते जोगा की हत्या किया गया है।